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पेट फूलने की समस्या के कारण और इलाज - Bloating Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

अनहेल्दी खाना न सिर्फ शरीर का वजन बढ़ाता है, बल्कि पेट फूलने की समस्या और गैस बनने की दिक्कत भी पैदा करता है। पेट फूलने की समस्या से बचने के लिए पेट फूलने के लक्षण व पेट फूलने का कारण पता होना जरूरी है। चलिए, पेट फूलने की समस्या के घरेलू उपचार और पेट फूलने के लक्षण, कारण, आदि जानते हैं। 

पेट फूलने का कारण, लक्षण और इलाज जानने से पहले पेट फूलना क्या है, यह समझ लेते हैं।

पेट फूलना किसे कहते हैं?

जब पेट जरूरत से अधिक भरा हुआ और कसा हुआ महसूस हो या फिर देखने में ऐसा लगे कि पेट सूजा हुआ है, तो इस स्थिति को पेट फूलना या गैस बनना (Bloating) कहा जाता है (1)। सामान्य तौर पर पेट फूलने के कारण कई होते हैं, जिसके बारे में हम आपको आगे विस्तार से बताएंगे।

लेख के अगले भाग में हम पेट फूलने का कारण समझाने का प्रयास करेंगे।

पेट फूलने के कारण - Causes of Bloating in Hindi

गैस और पेट फूलना एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है और कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पेट फूलने का कारण बन सकती हैं (2)। ऐसे में हम यहां उन सामान्य कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से पेट का फूलना जैसी समस्या देखने को मिल सकती है (1)।

  • खाते या पीते समय पेट में हवा निगलना (जिसे मेडिकल टर्म में एरोफैगिया कहा जाता है)
  • कब्ज की समस्या
  • गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (पाचन संबंधी विकार जिसमें पेट में मौजूद एसिडिक जूस इसोफेगस यानी गले में आ जाता है)
  • इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आंतों से संबंधित विकार जिसमें पेट में दर्द, ऐठन, गैस के साथ-साथ दस्त और कब्ज की समस्या देखी जा सकती है)
  • लैक्टोज इंटॉलरेंस यानी दूध और अन्य सामग्रियों को पचाने में परेशानी
  • बहुत अधिक खाना
  • छोटी आंत के बैक्टीरिया का अधिक बढ़ना
  • अधिक वजन बढ़ना
  • लैक्टुलोज या सोर्बिटोल युक्त दवा या आहार का सेवन

अब जानते हैं कुछ गंभीर स्थितियों के बारे में जो पेट फूलने का कारण बन सकती हैं (1):

  • पेट में पानी भरना (जलोदर)
  • पेट में ट्यूमर होना
  • सीलिएक रोग (ग्लूटेन युक्त खाद्य के सेवन से पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्या, जिसमें छोटी आंत में सूजन या क्षति पैदा होती है)
  • डंपिंग सिंड्रोम (पेट से जुड़ी सर्जरी के कारण पैदा होने वाली समस्या, जिसमें भोजन पेट के पहले भाग से तेजी से गुजरने लगता है)
  • ओवेरियन कैंसर (अंडाशय का कैंसर)
  • पित्त का पाचक रस का उचित मात्रा में उत्पादन न कर पाना

आगे अब हम पेट फूलने के लक्षण बता रहे हैं।

पेट फूलने के लक्षण - Symptoms of Bloating in Hindi

पेट फूलने की समस्या को समय रहते पहचानने के लिए पेट फूलने के लक्षण पता होना जरूरी है। यह लक्षण कुछ इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं (1):

  • पेट अत्याधिक भरा हुआ लगना
  • पेट में कसाव महसूस होना
  • पेट सूजा हुआ दिखाई देना

अब हम घरेलू तौर पर पेट फूलने के उपचार में किन चीजों को शामिल किया जा सकता है, यह जानेंगे।

पेट फूलने का इलाज - Bloating Treatment in Hindi

पेट फूलने का इलाज करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट पेट फूलने की दवा लेने की सलाह दे सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2):

  • एंटीबायोटिक्स का सेवन करना : इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के कारण पेट फूलने के लक्षण दिखने पर डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं।

  • प्रोबायोटिक्स का सेवन करना : आंत के माइक्रोबायोटा में परिवर्तन होने से पेट फूलने या इससे जुड़ी अन्य समस्या हो सकती है। ऐसे में इलाज के लिए डॉक्टर प्रोबायोटिक्स टैबलेट का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।

  • प्रोकिनेटिक्स का सेवन करना : ब्लोटिंग के इलाज के लिए प्रोकिनेटिक्स (आंतों की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली) दवा का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं।

  • एंटीस्पास्मोडिक का सेवन करना : इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों से राहत पाने के लिए आमतौर पर विभिन्न प्रकार के एंटीस्पास्मोडिक (मांसपेशियों को आराम देने वाली) दवा का सुझाव भी दिया जा सकता है।

  • डाइट में बदलाव : दवा के अलावा कुछ मामलों में हेल्थ एक्सपर्ट कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य और पेट में गैस वाले खाद्यों से परहेज करने की भी सलाह दे सकते हैं।

इलाज के बाद आइए अब हम पेट फूलने में क्या खाना चाहिए, यह जानते हैं।

पेट फूलने की समस्या में क्या खाना चाहिए - What to Eat During Bloating in Hindi

पेट फूलने की समस्या का मुख्य कारण इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की स्थिति को माना जाता है। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से बचाव के लिए स्वास्थ्य सलाहकार घुलनशील फाइबर युक्त और लो फूडमैप ((FODMAPs) डाइट लेने की सलाह देते हैं। 

फूडमैप का अर्थ है, कम फर्मेंटेबल ओलिगोसैकैराइड, डिसैकैराइड, मोनोसैकैराइड और पॉलीयोल्स युक्त खाद्य (3)।  यहां हम घुलनशील फाइबर और लो फूडमैप युक्त खाद्यों के विषय में अलग-अलग बता रहे हैं।

घुलनशील फाइबर युक्त आहार कुछ इस प्रकार हैं (4):

  • अनाज : जौ, मकई, ओट्स, चावल, गेहूं।
  • फलियां और दालें : हरी फलियां, सोया, मटर, राजमा, सफेद सेम।
  • सब्जियां : आलू, करेला, चुकंदर, मेथी, भिंडी, पालक, शलजम, टमाटर, बैंगन।
  • फल : सेब, कीवी, आम, अनानास, अनार, तरबूज, अंगूर संतरा, स्ट्रॉबेरी।
  • नट्स और सीड्स : बादाम, नारियल, मूंगफली, काजू, तिल का बीज, अलसी का बीज।

लो फूडमैप खाद्य में निम्न चीजों को शामिल किया जा सकता है (5):

  • सब्जियां: शिमला मिर्च, गाजर, अजवाइन, मक्का, बैंगन, हरी फलियां, कद्दू।
  • फल : केला, ब्लूबेरी, अंगूर, तरबूज, चकोतरा, स्ट्रॉबेरी, कीवी, नींबू, संतरा।
  • डेयरी उत्पाद : लैक्टोज मुक्त दूध व दही, चावल का दूध, स्टोर किया हुआ पनीर।
  • ठंडे खाद्य या पेय : आइसक्रीम के विकल्प में गेलेटो (फ्रोजेन डेजर्ट) या शर्बत का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मीठा : मीठे के तौर पर पॉलीयोल्स यानी शुगर फ्री छोड़कर चीनी व अन्य मीठे पदार्थों के विकल्प शामिल कर सकते हैं।

अब जानते हैं पेट का फूलना जैसी समस्या होने पर किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

पेट फूलने में परहेज - What to Avoid During Bloating in Hindi

खाने के बाद पेट फूलना की समस्या से राहत पाने के लिए कुछ चीजों से परहेज किया जाना आवश्यक है, जो कुछ इस प्रकार हैं (1):

  • गैस बनाने वाले खाद्य (जैसे :- अंकुरित अनाज, शलजम, गोभी, बीन्स और दाल) से परहेज करना चाहिए।
  • स्मोकिंग ना करें।
  • अल्कोहल से दूरी बनाकर रखें।
  • जरूरत से ज्यादा खाना ना खाएं।
  • च्विंग गम और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के इस्तेमाल से बचें।

पेट फूलने की समस्या इतनी भी जटिल नहीं कि इससे राहत न पाई जा सके। बस जरूरत है तो सही जानकारी और उपाय की। लेख में हमने पेट फूलने की समस्या से बचाव संबंधी कई जरूरी बातें बताई हैं। इन जानकारियों के माध्यम से काफी हद तक पेट फूलने के लक्षण को हल करने में मदद मिल सकती है। राहत न मिलने या स्थिति गंभीर होने पर बिना देर किए डॉक्टर से सम्पर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कैसे समझें की ब्लोटिंग की समस्या गंभीर हो चुकी है?

कब्ज, डायरिया, मल में खून आना, उल्टी होना, सीने में जलन होना या शरीर का वजन कम होने की स्थिति में सतर्क हो जाना चाहिए और जल्द से जल्द इलाज शुरू करवाना चाहिए (1)।

क्या नींबू-पानी के सेवन से पेट फूलने की परेशानी को कम किया जा सकता है?

जी हां, पेट फूलने की परेशानी को दूर करने में नींबू-पानी बेहद लाभकारी माना जा सकता है। दरअसल, नींबू में एंटासिड की उच्च मात्रा पाई जा सकती है (6)। एसिड रिफक्स के कारण पेट फूलने की समस्या हो सकती है (1)। ऐसे में नींबू पेट फूलने की समस्या में लाभकारी माना जाता है।

क्या पानी के सेवन से ब्लोटिंग की परेशानी को कम किया जा सकता है?

हां, फेट फूलने की समस्या में शुरुआत में सिर्फ पानी पीने की ही सलाह दी जाती है (7)। इसलिए माना जा सकता है कि पानी ब्लोटिंग की समस्या को कम कर सकता है।

पेट फूलने की परेशानी को दूर करने में कौन से चाय का सेवन करना चाहिए?

पेट फूलना गैस बनना जब परेशान करे, तो अज्वाइन पानी, पुदीने की चाय, कैमोमाइल टी और ग्रीन टी का सेवन करने से पेट फूलने की परेशानी में राहत मिलती है (3) (4) (8)।

बच्चे का पेट फूलना या गैस की तकलीफ हो, तो क्या करना चाहिए?

बच्चे का पेट फूलना या उसे गैस की समस्या होने पर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। वैकल्पिक उपचार के तौर पर नींबू पानी या डिटॉक्स ड्रिंक दे सकते हैं।

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