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कैल्शियम की कमी के कारण, लक्षण और इलाज - Calcium Deficiency in Hindi

शरीर में हर पोषक तत्व की अपनी अलग भूमिका होती है। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है कैल्शियम। हड्डियों व दांतों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन जरूरी है। साथ ही मांसपेशियों को बेहतर बनाए रखने में भी कैल्शियन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य कैल्शियम के फायदे, शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण, लक्षण और इससे होने वाले दुष्प्रभावों की बात करेंगे।

यहां सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं, कैल्शियम की कमी कहते किसे हैं।

कैल्शियम की कमी क्या है? - What is Calcium Deficiency in Hindi

शोधकर्ताओं ने इस संबंध में कई शोध किए हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) की वेबसाइट में कैल्शियम की दैनिक आवश्यकता इस प्रकार बताई है -

  • 1 से 3 साल की उम्र के लिए 700 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 4 से 8 साल की उम्र में 1,000 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 9 से 13 साल की उम्र में 1,300 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 14 से 18 साल में 1,300 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 19 से 50 साल की उम्र में 1,000 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 51 से 70 वर्षीय पुरुषों के लिए प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 51 से 70 वर्षीय महिलाओं के लिए 1,200 मिलीग्राम प्रतिदिन
  • 70 से अधिक उम्र में 1200 मिलीग्राम प्रतिदिन और
  • 19 से 50 साल की उम्र महिलाओं (गर्भवती/स्तनपान कराने वाली) के लिए 1,000 मिलीग्राम मात्रा प्रतिदिन

जब इस मात्रा से कम कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, तब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इस अवस्था को ही कैल्शियम डिफिसिएंसी यानी हाइपोकैल्सीमिया कहा जाता है (1)।

आर्टिकल में आगे पढ़िए कैल्शियम की कमी के पीछे जुड़े कारणों के बारे में।

कैल्शियम की कमी होने का कारण – Causes of Calcium Deficiency in Hindi

कैल्शियम की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • अपर्याप्त कैल्शियम का सेवन: रोजाना पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करने या फिर कैल्शियम सप्लीमेंट का उपयोग नहीं करने से कैल्शियम की कमी हो सकती है।

    इसके कारण हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, रक्त वाहिकाओं में संकुचन, हृदय संबंधी समस्याएं व नर्वस सिस्टम की क्षमता पर बुरा प्रभाव जैसी समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है (1)।
  • पोषक तत्वों की कमी के कारण: एक शोध में पाया गया कि विटामिन-डी, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाते हैं। इसलिए, इन पोषक तत्वों की कमी से भी शरीर में कैल्शियम का स्तर कम हो सकता है।

    दूध और अन्य समृद्ध उत्पाद विटामिन-डी, फास्फोरस और मैग्नीशियम के समृद्ध स्रोत हैं। इसके अलावा, सुबह के समय सूरज की रोशनी को भी विटामिन-डी का अच्छा स्रोत माना गया है (2)।
  • रजोनिवृत्ति (Menopause): शोध के अनुसार, एस्ट्रोजन हड्डियों के भीतर कैल्शियम को बनाए रखने में मदद करता है। रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजेन के स्तर में गिरावट होती है, जिस कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं (3)।
  • उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर खाद्य पदार्थों से कैल्शियम को अवशोषित करने में कमजोर होता जाता है। इसलिए, बुजुर्ग लोगों को अधिक मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती है (2)।
  • हाइपोकैल्सीमिया (Hypocalcemia): इसके अलावा, हाइपोकैल्सीमिया भी ऐसी स्थिति है ,जिसमें रक्त के तरल भाग या प्लाज्मा में कैल्शियम का स्तर औसत से कम हो जाता है (4)।
  • हाइपोपैरथायरायडिज्म (Hypoparathyroidism): यह वह स्थिति है जब पैराथायराइड हार्मोन का स्राव कम हो जाता है। इस स्थिति में रक्त में मौजूद कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है और फास्फोरस (हाइपरफोस्फेटेमिया) का स्तर बढ़ जाता है (4)। पैराथायराइड हार्मोन शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस का स्तर संतुलित बनाए रखने का काम करता है।

कारणों को जानने के बाद यहां हम कैल्शियम की कमी के लक्षण बता रहे हैं।

कैल्शियम की कमी के लक्षण – Symptoms of Calcium Deficiency in Hindi

लोगों के मन में यह सवाल आना लाजमी है कि शरीर में कैल्शियम की कम का पता कैसे लगाया जाए। इसके उत्तर में हम कैल्शियम की कमी होने पर नजर आने वाले लक्षण बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं (5):

  • होंठ, जीभ, उंगलियों और पैरों में झुनझुनी: सबसे आम लक्षण मुंह के आसपास झुनझुनी और सुन्नता महसूस होना है। इसके अलावा, होंठों का सुन्न होना और उंगलियों में आमतौर पर झुनझुनी या चुभन महसूस होना भी इसके लक्षणों में शामिल है (6)।
  • मांसपेशियों की ऐंठन और कमजोरी: मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या पैराथायरायड ग्रंथियों की खराबी और कैल्शियम की कमी के कारण हो सकती है। इसके अलावा हाइपोकैल्सीमिया से मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बन सकता है।
  • मिर्गी: मिर्गी के दौरे आना भी कैल्शियम की कमी के लक्षणों में से एक हो सकता है।
  • गले में वोकल कोर्ड में अचानक ऐंठन होने लगना।

पढ़ते रहिए

कैल्शियम की कमी के लक्षण के बाद जानते हैं कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग।

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग – Calcium Deficiency Diseases in Hindi

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कैल्शियम की कमी के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग इस प्रकार हैं (7)।

  • ऑस्टियोपोरोसिस: ऑस्टियोपोरोसिस वह स्थिति है, जब हड्डियाें में तेजी से मिनरल्स की मात्रा कम होने लगती है। इसके कारण हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि उनके फ्रैक्चर होकर टूटने का खतरा बढ़ सकता है। यह समस्या बुजुर्गों और महिलाओं में हाेना आम है।
  • हृदय रोग: पर्याप्त कैल्शियम का सेवन करने से हृदय रोग और स्ट्रोक से सुरक्षा मिल सकती है। इस प्रकार, कैल्शियम की कमी हृदय संबंधी जोखिम पैदा कर सकती है।
  • उच्च रक्त चाप: कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी में उच्च रक्तचाप का जोखिम भी शामिल है।
  • कैंसर: कैल्शियम की कमी से कोलन या रेक्टम कैंसर हो सकता है और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम आपको कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं।

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ - Calcium Diet in Hindi

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ फायदेमंद हो सकते हैं। यहां हम एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के आधार पर बता रहे हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ कैल्शियम से भरपूर होते हैं (8)।

  • हरी सब्जियां: हरी सब्जियां कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो सकतीं हैं। ये कैल्शियम की कमी को पूरा करने में फायदेमंद हो सकती हैं। ब्रोकली, केल और पालक में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
  • फल: सब्जियों के अलावा फलों को भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना गया है। इन फलों में संतरा सबसे बेहतर है। मध्यम आकार के संतरे में लगभग 50 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।
  • सीफूड: सब्जियों और फल के अलावा सीफूड में भी कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। इनमें लगभग 90 ग्राम सार्डिनेस में 270 मिलीग्राम, साल्मन फिश में 205 मिलीग्राम और टूना में 10 मिलीग्राम तक कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।
  • डेयरी प्रोडक्ट्स: कई प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट्स में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। 1 कप दूध में 415 मिलीग्राम और 1 कप दही में 295 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, आधा कप आइसक्रीम में 85 मिलीग्राम और आधा कप कॉटेज पनीर में 75 मिलीग्राम तक कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।

इन खाद्य पदार्थों के अलावा अनाज, मांस, बीन्स और कई प्रकार के ड्राई फ्रूट्स में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है।

कैल्शियम की कमी का इलाज – Calcium Deficiency Treatment in Hindi

कैल्शियम डेफिसिएंसी से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए जिनती जल्दी हो सके कैल्शियम की कमी का इलाज करवा लेना चाहिए (4)।

  • कैल्शियम के स्तर को ठीक करने के लिए मौखिक रूप से कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक दी जा सकती है।
  • थियाजाइड ड्यूरेटिक्स के साथ इलाज कर सकते हैं। यह सल्फर युक्त दवा होजो सोडियम और क्लोराइड के उत्सर्जन को बढ़ाती है।
  • फॉस्फेट बाइंडर्स और कम नमक व कम-फास्फोरस युक्त आहार के साथ इसका उपचार किया जा सकता है। फॉस्फेट बांइडर्स एक प्रकार की दवा है, जिसका उपयोग शरीर में फॉस्फेट के अवशोषण को कम करने के लिए किया जाता है।
  • हाइपोपैरथायरायडिज्म स्थिति के इलाज के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।

  • इसके अलावा कैल्शियम युक्त खाद्य का सेवन, कैल्शियम सप्लीमेंट और चिकित्सक के द्वारा दिए गए इंजेक्शन से भी कैल्शियम की कमी का इलाज किया जा सकता है। कैल्शियम की कमी होने पर गंभीर समस्याओं से बचने के लिए अच्छा होगा कि अपने चिकित्सक से जांच करवाएं।

इलाज के बाद हम बता रहे हैं कैल्शियम की कमी से बचने के उपाय के बारे में।

कैल्शियम की कमी से बचने के उपाय – Prevention Tips for Calcium Deficiency in Hindi

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग से बचने से अच्छा होगा कि पहले ही इस समस्या को अपने से दूर रखा जाए। उसके लिए जरूरी है शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का होना। यहां हम कैल्शियम की कमी से बचने के कुछ आसान उपायों के बारे में बता रहे हैं (9)।

  • डेयरी उत्पाद: हर दिन अपने आहार में डेयरी उत्पाद यानी दूध, दही व पनीर आदि को शामिल करें। लैक्टोज मुक्त दही और पनीर भी अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इन उत्पादों में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: अपनी डाइट में ब्रोकली, गोभी व पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
  • मछली: कैल्शियम के मामले में सार्डिन व साल्मन का सेवन कर सकते हैं।
  • नट्स: रोजाना स्नैक के रूप में मुट्ठीभर नट्स का सेवन किया जा सकता है।
  • कैफीन, शीतल पेय और अल्कोहल का सेवन न करें: ये सभी कैल्शियम अवशोषण को रोकते हैं।
  • तिल के बीज: इनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है।

कैल्शियम की कमी से इंसान की हड्डियों से लेकर मांसपेशियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि शरीर कमजोर लगने लगता है। इससे बचने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहें। अगर खाद्य पदार्थों से कैल्शियम की कमी पूरी न हो, तो डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।

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