प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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प्रेगनेंसी में महिलाओं को बहुत ज्यादा खाने की चाह होती है। इस समय होने वाली क्रेविंग में से एक चॉकलेट भी है। इस समय महिलाएं चॉकलेट का सेवन तो करती हैं, पर उनके मन में यह डर बना रहता है कि प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट खाने से गर्भस्थ शिशु को नुकसान न हो जाए। इस डर को दूर करने में मॉमजंक्शन आपकी मदद करेगा। यहां हम प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान के साथ ही इससे जुड़ी अन्य जानकारी दे रहे हैं।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाना सुरक्षित है या नहीं।
प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, इस समय चॉकलेट के सेवन से गर्भवती को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। इन फायदों में प्री-एक्लेम्प्सिया (हाई ब्लेड प्रेशर) नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य और प्लेसेंटा सर्कुलेशन में सुधार शामिल है (1)।
आगे हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में कौन-सी चॉकलेट को कितनी मात्रा में खाया जा सकता है।
गर्भवतियां डार्क और व्हाइट दोनों तरह की चॉकलेट का सेवन कर सकती हैं। एक रिसर्च के अनुसार, प्रेगनेंसी में प्रति दिन 6.7 ग्राम डार्क चॉकलेट खाने से सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है (2)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान डार्क चॉकलेट का सेवन करना ज्यादा अच्छा हो सकता है।
इस लेख के अगले भाग में हम चॉकलेट में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
जैसा कि हमने ऊपर जाना कि गर्भवती महिलाओं के लिए डार्क चॉकलेट अच्छा होता है, इसलिए यहां हम इसके पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं। ये पोषक तत्व शरीर को पोषण देकर कई समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है (3)।
अब हम प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
प्रेगनेंसी के समय चॉकलेट के सेवन से गर्भवती को कई तरह के फायदे हो सकते हैं। इन फायदों में ये शामिल हैं -
प्रीएक्लेम्प्सिया यानी गर्भावस्था के समय उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में चॉकलेट मददगार मानी जाती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च में दिया है कि प्रेगनेंसी के समय चॉकलेट के सेवन से उच्च रक्तचाप की समस्या कम हो सकती है। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है (2)।
प्रेगनेंसी में चॉकलेट का सेवन करके हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें, तो चॉकलेट से कार्डियो मेटाबोलिक डिजीज यानी हृदय से संबंधित समस्या के जोखिम कम हो सकते हैं। दरअसल, इसमें फ्लेवोनॉल्स नामक तत्व होते हैं, जो हृदय को सुरक्षित रखने का काम करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी चॉकलेट सहायक साबित हो सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित रिसर्च पेपर में दिया है कि चॉकलेट में प्लांट स्टेरोल्स और कोको फ्लेवोनॉल्स पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल में कमी ला सकते हैं (5)।
प्रेगनेंसी के समय शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, चॉकलेट में ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है, जिसके सेवन से तुरंत ऊर्जा प्राप्त हो सकती है (6)।
आंखों के लिए भी चॉकलेट के फायदे नजर आ सकते हैं। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में दिया है कि इस समय दूध वाली यानी व्हाइट चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट को खाने से देखने की क्षमता और आंखों की परेशानी में सुधार हो सकता है।
चलिए, आगे जानते हैं कि गर्भावस्था में चॉकलेट खाने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी के समय चॉकलेट खाने के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। दरअसल, चॉकलेट में कैफीन की अच्छी मात्रा होती है, जिसकी अधिकता कुछ इस तरह की समस्या खड़ी कर सकती है ।
प्रेगनेंसी एक संवेदनशील व नाजुक दौर है। इस समय किसी भी चीज का अधिक सेवन मां और अजन्मे शिशु दोनों के लिए ही खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट की क्रेविंग हो, तो पहले इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ लें। उसके बाद सीमित मात्रा में ही चॉकलेट का सेवन करें, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही हो सकते है।
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