प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
थकान एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना लगभग हर व्यक्ति करता है। शायद इसी वजह से इसको सामान्य परेशानी समझकर अनदेखा कर दिया जाता है। मगर ज्यादा थकान लगना किसी बीमारी का इशारा भी हो सकता है। ऐसे में वक्त रहते व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए। यहां हम थकान के कारण, थकान का इलाज, और थकान से बचाव के बारे में रिसर्च के आधार पर बता रहे हैं।
थकान होने के लक्षण, कारण और उपाय से पहले हम बता रहे हैं कि थकान आखिर क्या है।
शरीर में ऊर्जा और उत्साह की कमी को थकान कहा जाता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति का मन किसी काम में नहीं लगता। यूं तो थकान होना सामान्य है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर शारीरिक या मानसिक स्थिति का कारण भी हो सकता है।
अगर थकान का एहसास 6 महीने या उससे अधिक समय तक रहे, तो उसे क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम कहते हैं (1)। इसी वजह से इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अब हम थकान के लक्षण बता रहे हैं। इसके बाद थकान के कारण की जानकारी देंगे।
थकान क्या है, आप समझ ही गए हैं। अब इसकी पहचान करने के लिए थकान होने के लक्षण जानना जरूरी है। थकान के लक्षण को नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है (2)।
थकान होने के लक्षण के बाद आगे हम थकान के कारण बता रहे हैं।
थकान के कारण को समझने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि थकान अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्थिति का संकेत है। ऐसे में इसके आम और गंभीर कारण नीचे जान सकते हैं (1):
कुछ सामान्य कारण :
कुछ गंभीर कारण :
अब थकान के इलाज से जुड़ी जानकारी पर एक नजर डालते हैं।
लेख के इस भाग में हम थकान के इलाज के बारे में बता रहे हैं। यहां हमने थकान के इलाज को दो भागों में बांटा है। पहले भाग में हम थकान के घरेलू उपाय बता रहे हैं। फिर दूसरे भाग में कुछ सामान्य इलाज के बारे में बताएंगे। आइए पहले थकान के घरेलू इलाज जानते हैं :
पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। कभी-कभी डिहाइड्रेशन के कारण भी थकान हो सकती है। ऐसे में जब भी थकान महसूस हो, तो एक गिलास पानी पी लें। खासतौर पर एक्सरसाइज करने के बाद या वॉक से आने के बाद कुछ देर बाद पानी जरूर पिएं (3)।
थकान के लिए घरेलू उपाय के रूप में एक या दो चम्मच शहद का सेवन भी कर सकते हैं। दरअसल, शहद में एंटी-फैटिग यानी थकान से बचाव का गुण होता है, जिस कारण इसका सेवन उपयोगी हो सकता है (4)। इसके अलावा, शहद कार्बोहाइड्रेट से भी भरपूर होता है (5)।
तनाव से बचने के लिए कॉर्बोहाइड्रेट को अच्छा माना जाता है। ऐसे में थकान से बचने के लिए शहद को नाश्ते में शामिल किया जा सकता है (3)।
सामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे फायदेमंद है :
सालों से तुलसी का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि की तरह किया जाता रहा है। ऐसे में थकान दूर करने के लिए भी इसका सेवन लाभकारी हो सकता है। तुलसी न सिर्फ थकान के लिए, बल्कि अवसाद, अनिद्रा जैसे थकान के लक्षणों के लिए भी उपयोगी मानी जाती है (6)। अब जब भी थकान महसूस हो तो, तुलसी पानी व तुलसी चाय का सेवन कर लें।
थकान के घरेलू इलाज के बाद आगे हम थकान के डॉक्टरी इलाज के बारे में बता रहे हैं। व्यक्ति की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर निम्न तरीकों से थकान का इलाज कर सकते हैं (1):
अब जानते हैं कि थकान दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
थकान की समस्या में खाने की एक अहम भूमिका होती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि थकान में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। लेख के इस भाग में हम इसी बात पर चर्चा कर रहे हैं।
क्या खाएं:
आयरन - आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, क्योंकि खून की कमी भी थकान का एक कारण है (3)। ऐसे में खाने में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - ब्रोकोली, पालक, किशमिश, टोफू, टमाटर, अंडा को शामिल करें (7)।
मैग्नीशियम - शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी थकावट का कारण बन सकती है। ऐसे में आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - बादाम, एवोकाडो, केला, दूध, मटर, बीन्स को शामिल कर सकते हैं (8)।
स्वस्थ डाइट - थकान से बचाव के लिए स्वस्थ आहार लें। अपनी डाइट में हरी सब्जियां, फल, डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करें। बस ज्यादा वसा, चीनी और नमक युक्त आहार का सेवन करने से बचें (3)। इनके अधिक सेवन से शरीर को फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है।
कार्बोहाइड्रेट - हर रोज नाश्ता जरूर करें। साथ ही नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - साबुत अनाज युक्त खाद्य पदार्थ जैसे रोटी, गेहूं के ब्रेड का सेवन कर सकते हैं (3)।
क्या न खाएं
अब जानते हैं कि थकान में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए (9) :
अब जानते हैं कि थकान की समस्या में डॉक्टरी सलाह कब लेने की जरूरत होती है।
जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि थकान सामान्य समस्या है, लेकिन कुछ मामलों में यह बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि थकान होने पर कब डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। लेख के इस भाग में हम इसी विषय पर जानकारी दे रहे हैं (1):
थकान के इलाज के बाद इससे होने वाली जटिलताओं के बारे में जानिए।
थकान के कारण और बचाव जानने के बाद अब बारी है थकान से होने वाले जोखिम जानने की। थकान भले ही सामान्य परेशानी लगे, लेकिन कुछ मामलों में इससे जटिलताएं भी हो सकती हैं। ये जटिलताएं कुछ इस प्रकार हैं :
अब जानते हैं कि थकान से बचाव करने के लिए क्या सब किया जा सकता है।
जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करके थकान से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। ये टिप्स कुछ इस प्रकार हैं (3)।
अब आप जान ही गए होंगे कि थकान क्या है। हमने थकान के कारण और इससे संबंधित जोखिम कारकों के बारे में भी विस्तार से बताया है। बस वक्त रहते थकान के लक्षणों पर ध्यान देकर आसानी से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। ऐसे में थकान से जुड़ी बातों पर ध्यान देकर यहां बताए गए थकान से बचाव के टिप्स को अपना सकते हैं। अब आगे थकान से जुड़े पाठकों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब पढ़िए।
थकान या कमजोरी में आयरन, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व युक्त खाद्य या पेय पदार्थ और हेल्दी डाइट का सेवन कर सकते हैं (3)। इसके लिए बादाम, दूध, केला, एवोकाडो का सेवन किया जा सकता है।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी और सही जीवनशैली न होने के कारण थकावट और दर्द महसूस हो सकता है (2)। कई बार शरीर में लगातार दर्द होने के कारण भी थकावट हो सकती है।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी और थकावट के वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है (1)।
किसी भी कार्य को करने के बाद या पूरे दिन के काम के बाद व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है और अच्छी नींद के बाद थकान खत्म हो जाती है। वहीं, फैटिग (थकावट) की बात करें, तो व्यक्ति को रोजाना ऊर्जा की कमी का एहसास होता और अच्छी नींद के बाद भी अच्छा महसूस नहीं होता।
कई बार पोषक तत्वों की कमी के कारण भी थकान की समस्या हो सकती है (2)। ऐसे में अपनी डाइट पर पूरा ध्यान दें।
थकान का निदान व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है। लक्षणों के अलावा डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, जीवनशैली के बारे में जानकारी लेकर ब्लड, यूरिन या अन्य टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं (2)।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें