प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों से मिलकर बना सिस्टम है। यह शरीर को विभिन्न संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है (1)। इस लिहाज से स्वस्थ शरीर के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना जरूरी है। इसी वजह से हम यहां इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल के बारे में बता रहे हैं।
जानें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल और उनके खाने की मात्रा के बारे में।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर तरीके से कार्य करने व स्वस्थ रखने में विटामिन्स और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्वों का योगदान होता है (2)। साथ ही फायटोन्यूट्रिएंट्स जैसे - एमिनो एसिड, फैटी एसिड भी शरीर के इम्यून पावर के लिए आवश्यक हैं (3)। हम ऐसे ही पोषक तत्वों से युक्त सिट्रस फ्रूट्स के साथ ही कुछ अन्य खास फलों के बारे में बताएंगे।
संतरा और संतरे का जूस विटामिन सी से समृद्ध होता है, जो सीधे तौर पर इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है (4)।
विटामिन सी के अलावा संतरे में कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट जैसे - फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) और कैरोटेनॉइड (Carotenoids) मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें फोलेट भी पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व शरीर को कैंसर और हृदय रोग से बचाने में सहायक हो सकते हैं (5)।
दरअसल, फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनता है, जिस वजह से शरीर में कई बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन लाभकारी माना जाता है (6)।
ऐसे में संतरे का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव इन समस्याओं को कम करके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
खाने की मात्रा :
करौंदे के औषधीय गुणों की वजह से इसे भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल में शामिल कर सकते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर मौजूद एक शोध से इसकी पुष्टि होती है कि क्रैनबेरी (करौंदा) में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं।
साथ ही इसमें विटामिन सी भी होता है। करौंदा में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ संक्रमण से बचाव कर सकते हैं (8)। करौंदे के फायदे के लिए आहार में इसे चटनी, जूस, सलाद के रूप में भी शामिल कर सकते हैं।
खाने की मात्रा :
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल में मौसंबी का फल भी शामिल है। इसे स्वीट लाइम नाम से भी जाना जाता है। इम्यूनिटी के लिए मौसंबी के फायदे इसमें मौजूद डी-लिमोनेन (D-Limonene) के कारण होते हैं।ज
नियमित रूप से मौसंबी का जूस पीने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर हो सकता है, जो हृदय के कार्यों को बेहतर बना सकता है (10)। इस आधार पर इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल में मौसंबी को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
खाने की मात्रा :
लाल दाने वाला अनार एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से समृद्ध होता है, जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। अनार के ये गुण विभिन्न तरह के बैक्टीरिया व वायरस से लड़ने में शरीर की मदद कर सकते हैं (11)।
यही नहीं, अनार के सेवन से उच्च रक्तचाप की परेशानी, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर (Hyperglycemia) और सूजन से बचाव कर सकता है। अनार का जूस फ्री रेडिकल और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम कर सकता है (12)। इस आधार पर इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल में अनार को शामिल किया जा सकता है।
खाने की मात्रा :
संतरे की ही तरह चकोतरा को भी सिट्रस फ्रूट्स की श्रेणी में रखा गया है। चकोतरा विटामिन-ए के साथ ही विटामिन-सी और फोलेट का अच्छा स्त्रोत है (13)। ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक हैं। इस आधार पर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए चकोतरा एक स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प है।
खाने की मात्रा :
नीलबदरी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) शरीर के प्रतिरोधक कोशिकाओं की क्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, इसका यह प्रभाव शरीर को ट्यूमर और कैंसर के जोखिम से बचाव करने में भी मदद कर सकता है (14)।
नीलबदरी में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो डायबिटीज, हृदय रोग, बढ़ते वजन और उच्च रक्तचाप से बचाव कर सकते हैं। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है (15)।
यही वजह है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल के तौर पर नीलबदरी का सेवन किया जा सकता है। डॉक्टरी सलाह पर इसे हाई ब्लड प्रेशर डाइट में भी शामिल करना अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
खाने की मात्रा :
सेब के फायदे भी इसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल की श्रेणी में शामिल करते हैं। दरअसल, सेब में मौजूद विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के दुष्प्रभावों से बचा सकते हैं।
इसमें एंटीप्रोलीफेरेटिव (कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने वाला) गुण भी है। ऐसे में इसका सेवन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। यही नहीं, सेब में फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो इम्यून प्रतिक्रिया (Immune Response) को नियंत्रित करते हैं (17)।
खाने की मात्रा :
नाशपाती विटामिन सी, क्वेरसेटिन और कॉपर जैसे पोषक तत्वों से युक्त है, जो एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि कर फ्री रेडिकल से कोशिकाओं की क्षति से बचाव कर सकता है। इसलिए, इसे इम्यून बूस्टर फलों की श्रेणी में रखा गया है। यह शरीर को ऊर्जा देकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है (18)।
खाने की मात्रा :
हम बता ही चुके हैं कि एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। अंगूर में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं (20)।
अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि अंगूर और अंगूर से बने उत्पाद इम्यूनिटी बढ़ाने वाली कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (21)। अंगूर के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है, इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी एलर्जिक, एंटी कैंसर गुण भी होते हैं।
अंगूर का सेवन अपच और कब्ज की परेशानी में भी लाभकारी होता है। साथ ही यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद माना गया है (22)। इसी वजह से इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल में अंगूर को भी शामिल किया जाता है।
खाने की मात्रा :
पपीते के फायदे में प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करना भी शामिल है। अध्ययनों के अनुसार, पपीते में कैरोटीन, विटामिन सी, विटामिन बी, फ्लेवोनोइड्स और फोलेट जैसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व होते हैं। पपीते के अर्क में इम्यूनोस्टिमुलेंट गुण भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को बेहतर कर सकता है (24)।
पपीता में एंटी ट्यूमर, एंटी ह्यपरटेंसिव, एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल जैसे गुण भी हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकते हैं (25)। यही वजह है कि पपीते को इम्यून बूस्टिंग फलों की श्रेणी में रखा गया है (3)।
खाने की मात्रा :
दिनभर में आधा से एक कप पपीते का सेवन किया जा सकता है। पूरे दिन में एक कप पपीता का जूस भी पी सकते हैं (19)।
स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। एक रिसर्च के अनुसार, स्ट्रॉबेरी में पॉलीफेनोल (Polyphenol) जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं की क्षति को कम करके प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार सकता है (26)।
खाने की मात्रा :
अध्ययनों से इसकी पुष्टि होती है कि अमरूद में संतरे के मुकाबले 6 गुना ज्यादा विटामिन सी (Ascorbic Acid) की मात्रा होती है (28)।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रोग पैदा करने वाले रोगजनकों से लड़ने में विटामिन सी मददगार हो सकता है (29)। इस वजह से अमरूद का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी हो सकता है।
खाने की मात्रा :
स्वस्थ व्यक्ति के लिए दिनभर में एक अमरूद का सेवन लाभकारी हो सकता है। ऐसे लोग जो ब्लड शुगर को कम करना चाहते हैं, उनके लिए बिना छिलके वाला अमरूद खाना बेहतर हो सकता है (30)।
कीवी के फायदे में इम्यूनिटी बढ़ाना भी शामिल है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, कीवी फल में विटामिन सी, कैरोटिनॉइड, पॉलीफेनोल और फाइबर मौजूद होता है। ये पोषक तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बना सकते हैं (31)।
कीवी के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है, कीवी का उपयोग अवसाद, खून की कमी, हृदय रोग, कैंसर, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के जोखिम को भी कम कर सकता है (32)। इस कारण इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए और बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए डाइट में कीवी फल को भी शामिल किया जा सकता है।
खाने की मात्रा :
आंवले के फायदे में इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाना शामिल है। दरअसल, आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी एपोप्टोटिक (कोशिकाओं के क्षति से बचाव) गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकते हैं (34)।
इतना ही नहीं, संतरे के जूस के मुकाबले आंवले में 20 गुना अधिक विटामिन सी की मात्रा होती है। आंवला शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ ही इम्यून बूस्टिंग टॉनिक के रूप में काम कर सकता है (35)।
खाने की मात्रा :
असाई बेरी (Acai Berry) एक तरह का फल है, जो ताड़ के पेड़ से मिलता है। यह मुख्य तौर पर अमेजन के जंगलों में पाया जाता है। असाई बेरी में फाइटोकेमिकल्स होते हैं (36)। साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण यह शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधार सकता है (37)।
अन्य अध्ययन से यह पता चलता है कि असाई के गूदे और जूस का सेवन करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है (38)। बता दें कि एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों को सुपर फ्रूट की श्रेणी में रखा जाता है, जो इम्यून सिस्टम में सुधार करने के लिए उपयोगी माना जाता है (39)।
खाने की मात्रा :
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में तरबूज के फायदे भी देखे जाते हैं। तरबूज से जुड़े एक अध्ययन के अनुसार, इसमें लाइकोपेन (Lycopene) नामक एक खास तत्व होता है, जो शरीर को बीमारियों से बचाता है। साथ ही यह मस्तिष्क संबंधी समस्या से भी बचाव कर सकता है (42)।
इसके अलावा, लाइकोपेन श्वसन मार्ग के सूजन (Respiratory Inflammation) को कम करके संक्रमण से बचाने में भी प्रभावकारी हो सकता है। तरबूज में विटामिन सी, ए और बी6 की भी मात्रा होती है, जो सीधे प्रतिरक्षा बढ़ा सकते हैं (26)। इस आधार पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल में तरबूज को भी शामिल किया जा सकता है।
खाने की मात्रा :
अध्ययनों के अनुसार, सीताफल में अमीनो एसिड लाइसिन, कैरोटीन और एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी) की मात्रा होती है। साथ ही इसमें एंटीट्यूमर, एंटीडायबिटिक, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी लिपिडेमिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं (44)।
यह स्वास्थ्य को कई गंभीर बीमारियों से बचाए रखता है। इसके अलावा, सीताफल में एंटीवायरल प्रभाव होता है, जो विभिन्न वायरस के खिलाफ शरीर को सुरक्षा प्रदान कर सकता है और प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा सकता है (45)।
खाने की मात्रा :
नोट : ध्यान रहे कि लेख में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल के सेवन की मात्रा मध्यम उम्र के स्वस्थ व्यक्ति को ध्यान में रखकर बताई गई है। ऐसे में फलों की सेवन की मात्रा व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। तो बेहतर है मात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ की राय भी ली जाए।
इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल के बाद हम उन फलों के बारे में जानकारी देंगे जो इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
देखा जाए तो सीधे तौर पर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कम करने के वाले फलों की कोई विशेष सूची नहीं है। जैसे किसी भी चीज का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, वैसे ही किसी भी फल का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
दरअसल, स्वस्थ शरीर के लिए रक्त में शुगर की संतुलित मात्रा होनी जरूरी होती है। शुगर से शरीर को ऊर्जा और वसा दोनों ही मिलता है। अधिक शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन वजन बढ़ने व मोटापे की समस्या हो सकती है (47)। इसलिए खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखना जरूरी है।
अधिक शुगर वाले फलों का सेवन करने से मोटापे की समस्या मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक, गठिया और कुछ प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है (48)। इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करने का कारक भी माना जाता है (49)। ऐसे में अधिक मात्रा में कुछ शुगर युक्त फलों के अतिरिक्त सेवन से परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा, प्रोसेस्ड फलों में शुगर की अधिक मात्रा होने के साथ ही कम फाइबर होता है, जो मोटापे का जोखिम पैदा कर सकता है (51)।
प्रोसेस्ड फल व फूड वह खाद्य होते हैं, जिन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसके प्राकृतिक स्वरूप को बदल दिया जाता है। इसके लिए उन्हें कई तरह के केमिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है (52)। जिस कारण इन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जा सकता है। इस लिहाज से बाजार में मिलने वाले पैक्ड फ्रूट्स जूस के सेवन से भी बचना चाहिए।
सिट्रस फ्रूट्स व अन्य फलों की मदद से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। इनके अलावा विटामिन सी युक्त अन्य खाद्य पदार्थ को भी आहार में शामिल करें। अच्छी डाइट के साथ ही हमेशा भरपूर नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम या योग जैसी अच्छी आदतों को अपनाकर इम्यून पावर को बेहतर कर सकते हैं।
लेख में बताए गए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल विटामिन सी से समृद्ध हैं। वहीं, विटामिन सी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है (53)। इस आधार पर लेख में बताए गए विटामिन सी युक्त विभिन्न फल जैसे :- संतरा, चकोतरा, कीवी, अमरूद, आंवला, करौंदा व मौसंबी का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
इम्यूनिटी को तेजी से मजबूत बनाने के लिए लेख में बताए गए विभिन्न फलों के साथ ही, आपको विटामिन सी युक्त सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए, जैसे :- ब्रोकली, अंकुरित अनाज, फूलगोभी, गाजर, टमाटर, लहसुन, अदरक, हल्दी व चुकंदर आदि (26)।
प्राकृतिक रूप से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप आप लेख में बताए गए विभिन्न फलों का सेवन कर सकते हैं। साथ ही नियमित योग, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली का पालन कर सकते हैं।
जैसे कि लेख में हम बता चुके हैं कि अतिरिक्त शुगर युक्त फलों का सेवन करने से मोटापे की समस्या हो सकती है, जो प्रतिरोधक क्षमता को घटाने का एक कारण हो सकता है (47), (49)।
केले के प्रति 100 ग्राम की मात्रा में 57.14 ग्राम शुगर की मात्रा होती है (54)। इस आधार पर केले को अतिरिक्त शुगर वाला फल माना जा सकता है। बेहतर है कि संतुलित मात्रा में केले को आहार में शामिल करें।
नींबू भी खट्टे फलों यानी सिट्रस फ्रूट्स में शामिल है। सिट्रस फ्रूट्स में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं। इस तरह के फलों से शरीर में विटामिन सी, फोलिक एसिड, पोटेशियम और पेक्टिन (घुलनशील कार्बोहाइड्रेट) की पूर्ति की जा सकती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं (26)। यह कहना गलत नहीं होगा कि नींबू का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।
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