प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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जोड़ों में दर्द होना आम समस्या है। सामान्य तौर पर यह परेशानी बढ़ती उम्र, खेलकूद के समय लचक या मोच और सोते समय मांसपेशियों के खिंचाव के कारण हो सकती है। साथ ही जोड़ों का दर्द कुछ बीमारियों का संकेत भी देता है।
जी हां, जोड़ों का दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं, बल्कि कुछ बीमारियों का एक लक्षण है। इसी वजह से हम इस लेख में जोड़ों के दर्द के कारण और जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार बता रहे हैं।
लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि जोड़ों में दर्द का मतलब क्या होता है।
जोड़ों के दर्द को चिकित्सकीय भाषा में अर्थराल्जिया कहा जाता है, जो एक साथ एक से ज्यादा जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि जोड़ों में दर्द अपने आप में किसी प्रकार की बीमारी नहीं है, बल्कि अन्य बीमारियों का लक्षण है (1)। कई बार जोड़ों के दर्द का कारण चोट लगना, सूजन या डीजेनरेटिव रोग हो सकते हैं (2)।
जोड़ों में दर्द का मतलब जानने के बाद आगे पढ़ें जोड़ों में दर्द के लक्षण क्या हैं।
जोड़ों का दर्द वैसे अपने आप ही एक तरह का लक्षण है। फिर भी जोड़ा के दर्द में कुछ इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं (3) :
जोड़ों में दर्द के लक्षण के बाद जानते हैं जोड़ों और हड्डियों में दर्द के कारण क्या-क्या हैं।
जोड़ों में दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जैसे (3):
जोड़ों में दर्द के कारण के बाद लेख के अगले भाग में जानिए जोड़ों का दर्द दूर करने के घरेलू उपाय क्या हैं।
जोड़ों और घुटनों का दर्द बढ़ने से पहले इसका मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। चिकित्सकीय इलाज के साथ-साथ नीचे बताए गए उपाय जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे हैं लाभदायक:
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, लैवेंडर ऑयल से की गई अरोमाथेरेपी मसाज ऑस्टियोअर्थराइटिस (घुटनों का दर्द) से आराम दिलाने में मददगार साबित हो सकती है (4)।
जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार करने के लिए ऑरेगैनो ऑयल का उपयोग भी किया जा सकता है। ऑरेगैनो के कारवाक्रोल फिनोल कंपाउंड में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो जोड़ों के दर्द के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है (5)।
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कैसे हैं लाभदायक:
हॉट एंड कोल्ड कम्प्रेस से जोड़ों में दर्द पर ठंडा और गर्म दोनों प्रभाव एक साथ पड़ता है। कोल्ड थेरेपी से जोड़ों के दर्द, सूजन और मांसपेशियों की अकड़न को कम किया जा सकता है। वहीं, हीट थेरेपी टिश्यू से इलास्टिसिटी बढ़ती है, जिससे जोड़ों का दर्द कम हो सकता है। ये दोनों थेरेपी शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती हैं, जिससे दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है (6)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
लहसुन का उपयोग जोड़ों का दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि एलियम परिवार की सब्जियां हिप्स जॉइंट के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं, जिसमें लहसुन भी शामिल है। इसे कूटने या काटने पर एलिसिन (Allicin) कंपाउंड एक्टिव होता है। यह कुछ अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड के साथ मिलकर हिप्स जॉइंट के दर्द को कम कर सकता है (7)।
इसके अलावा, मोटापे के कारण घुटनों के दर्द से परेशान महिलाओं पर किए गए शोध में भी कहा गया है कि लहसुन जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है। शोध में इस बात की पुष्टि की गई की लहसुन सप्लीमेंट में पाए जाने वाले एंटीइंफ्लामेटरी और एनाल्जेसिक गुण दर्द की स्थिति में सुधार ला सकते हैं (8)।
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कैसे करें इस्तेमाल :
कैसे है लाभदायक :
प्याज का उपयोग जॉइंट पेन की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। इस विषय पर हुई रिसर्च के अनुसार, प्याज में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी एक प्रकार के गठिया के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करता है (9)। एक अन्य रिसर्च से भी इस बात की जानकारी है कि जॉइंट पेन में प्याज का सेवन फायदेमंद हो सकता है (10)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
एप्सम सॉल्ट का उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जा सकता है। इसे मैग्नीशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। इंसानों पर की गई रिसर्च से इस बात की पुष्टि होती है। रिसर्च में इस बात का जिक्र है कि एप्सम सॉल्ट एनाल्जेसिक एजेंट यानी दर्द को कम करने वाले पदार्थ की तरह काम कर सकता है।
इससे मांसपेशियों का दर्द व अकड़न दोनों से आराम मिल सकती है। इसके अलावा, एप्सम सॉल्ट से जोड़ों की सूजन को भी कम किया जा सकता है (11)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
घुटने और अन्य जॉइंट पेन में मेथी के बीज का उपयोग किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रभाव होते हैं। ये दोनों प्रभाव घुटने की सूजन के साथ ही जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज करने में लाभदायक हो सकते हैं (12) (13)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
हल्दी के उपयोग से भी जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज हो सकता है। इस विषय पर हुई रिसर्च से जानकारी मिलती है कि हल्दी में पाए जाने वाला करक्यूमिन घटक जोड़ों के दर्द में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, करक्यूमिन में दर्द निवारक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये दोनों गुण दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में मददगार हाे सकते हैं (14)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
सेहत के लिए अदरक का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा के साथ ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति में जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस विषय पर हुई एक रिसर्च से इस बात की पुष्टि होती है कि अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने का काम कर सकते हैं (15)।
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
जोड़ो में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए बिच्छू बूटी यानी नेटल लीफ) का उपयोग किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, बिच्छू के पत्तों पर मौजूद छोटे-छोटे रेशे जब सीधे त्वचा के संपर्क में आते हैं, तो उससे होने वाली झनझनाहट से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है (16)।
दरअसल, बिच्छू बूटी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जिसके कारण यह इंफ्लेमेटरी रोग, जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इस बीमारी का एक लक्षण जोड़ों का दर्द भी है (17)।
इसी आधार पर बिच्छू बूटी को जोड़ों के दर्द में लाभदायक माना जाता है। बस ध्यान दें कि बिच्छू पत्ती को स्पर्श से शरीर में एलर्जी भी हो सकती है (18)। ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
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कैसे करें इस्तेमाल:
कैसे है लाभदायक:
लाल मिर्च का उपयोग जोड़ों में दर्द के इलाज में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध के अनुसार, लाल मिर्च में पाए जाने वाला कैप्साइसिन नामक कंपाउंड दर्द को दूर करने में मददगार हो सकता है। कैपेसिसिन में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रभाव होते हैं। इन गुणों के कारण लाल मिर्च को जोड़ों में दर्द में एक प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में उपयोग किया जा सकता है (19)।
कई लोगों का मानना है कि जोड़ों में दर्द के दौरान एक्सरसाइज करने से समस्या बढ़ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। मिनियापोलिस मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय के एक शोध में यह पाया गया है कि जोड़ों के दर्द को एक्सरसाइज कर सकता है और इससे शारीरिक गतिविधियों में सहजता हो सकती है।
साथ ही मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है (20)। बस एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। मरीज की अवस्था को देखकर डॉक्टर बेहतर एक्सरसाइज का सुझाव दे सकते हैं।
मोटापा और बढ़ती चर्बी के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है। मोटापा से होने वाले जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए वजन को नियंत्रित करना जरूरी है (21)।
इसके लिए भी रोजाना व्यायाम और योग थेरेपी को बेहतर माना गया है। योग थेरेपी से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और यह जोड़ों को गतिशील बना सकते हैं। योग के अंतर्गत आसन, ध्यान और प्राणायाम तकनीक को अपनाकर जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है (22)।
जोड़ों के दर्द के घरेलू उपाय के बाद जानते हैं कि जोड़ों के दर्द के निदान।
जोड़ों के दर्द के निदान के लिए आमतौर पर डॉक्टर निम्न सवाल पूछ सकते हैं और कुछ खास परीक्षण की सलाह दे सकते हैं (3) :
इलाज पढ़ें
जोड़ों में दर्द के निदान के बाद अब हम बताएंगे जोड़ों के दर्द का इलाज कैसे किया जाता है।
जोड़ों के दर्द का घरेलू उपाय करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर इसका चिकित्सकीय इलाज करवाना भी आवश्यक है। नीचे जानिए कि इसके लिए डॉक्टर कौन सी दवा या इलाज का सुझाव दे सकते हैं (3)।
आर्टिकल के इस हिस्से में हम जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक और जटिलताओं के बारे में बताएंगे।
जोड़ों के दर्द को बढ़ाने वाले कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक और जटिलताएं क्या-क्या हो सकती हैं।
जोखिम कारक (23):
जटिलताएं (24):
आर्टिकल के इस हिस्से में हम आपको बताएंगे कि जोड़ों के दर्द में किस तरह का भोजन लेना चाहिए।
जोड़ों के दर्द के दौरान पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए। क्या हैं वो खाद्य पदार्थ, जिनसे घुटने के जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है जानने के लिए नीचे पढ़ें (25):
जाेड़ों के दर्द के दौरान लिए जाने वाले भोजन के बाद जानते हैं जोड़ों के दर्द से बचाव के टिप्स।
नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, जोड़ों के दर्द से बचा जा सकता है (26) :
आप जान ही गए होंगे कि जोड़ों में दर्द ऐसी समस्या है, जो सावधानी न बरतने पर किसी को भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए आप जोड़ों में दर्द के घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं। साथ ही लेख में बताए गए खाद्य पदार्थों को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
ध्यान रखिए कि यहां बताए गए उपाय जोड़ों के दर्द के लक्षण कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये इसका मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं हैं। इसी वजह से ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। समय पर ऐसा न करने से यह समस्या बढ़ भी सकती है।
जोड़ों में दर्द के कारण क्या हो सकते हैं?
जाेड़ाें में दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जैसे मोटापा, सूजन, फ्रैक्चर, ऑस्टियोअर्थराइटिस आदि। इन सभी के बारे में हमने लेख में ऊपर विस्तार से बताया है।
मुझे जोड़ों के दर्द के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
जब जोड़ों के दर्द का घरेलू उपायों से राहत न मिले या फिर जोड़ों में सूजन, दर्द और लालिमा दिखाई देने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या वायरस आपके जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है?
हां, वायरल संक्रमण भी जोड़ों में दर्द का एक कारण हो सकता है (3)।
जोड़ों के दर्द को कैसे कम किया जा सकता है?
ऊपर दिए गए घरेलू उपचार और कुछ व्यायाम के द्वारा जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है। यदि फिर भी दर्द दूर न हो, तो डॉक्टर के द्वारा बताया गया उपचार की मदद से सहायता मिल सकती है।
क्या स्ट्रेस से जोड़ों का दर्द हो सकता है?
हां, स्ट्रेस जोड़ों के दर्द का जोखिम कारक हो सकता है (21)।
क्या जोड़ों के दर्द से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है?
नहीं, जोड़ों का दर्द बीमारी का एक लक्षण है, इसलिए इससे मौत नहीं होती है। हां, इससे क्वालिटी ऑफ लाइफ कम हो सकती है। इसके अलावा, इससे मौत होना या न होना बीमारी की गंभीरता पर भी निर्भर करता है, जैसे कि ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण मौत हो सकती है, जिसका एक लक्षण जोड़ों का दर्द भी है (27)।
ल्यूपस जोड़ों का दर्द होने पर क्या महसूस होता है?
ल्यूपस जोड़ों का दर्द होने पर सूजन और जकड़न जैसे कई लक्षण महसूस हो सकते हैं (28)।
जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छा विटामिन कौन सा है?
जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छे विटामिन में विटामिन-सी और विटामिन-डी को माना जा सकता है (29), (30)।
ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण जोड़ों में दर्द होता है?
हां, ऑटोइम्यून बीमारियां जोड़ों के दर्द का कारण हैं (31)।
जोड़ों के दर्द में कौन सा तेल उपयोग कर सकते हैं?
जोड़ों के दर्द में कई प्रकार के तेल फायदेमंद हो सकते हैं, उदाहरण के रूप में हम ऊपर बता ही चुके हैं, जैसे - ऑरेगैनो ऑयल और लैवेंडर ऑयल।
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