प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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शरीर के लिए पानी बेहद आवश्यक है, लेकिन सीमित मात्रा में ही। बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि शरीर में पानी की अधिकता कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकती है। इसी वजह से आज हम ज्यादा पानी पीने के नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही इस लेख में ओवरहाइड्रेशन क्या है, ओवरहाड्रेशन सिमटम्स व ट्रीटमेंट ऑफ ओवरहाइड्रेशन के बारे में जानेंगे।
ओवरहाइड्रेशन सामान्य तौर पर तब होता है जब शरीर में पानी की अधिकता हो जाती है। ओवरहाइड्रेशन को चिकित्सकिय भाषा में वाटर इनटॉक्सिकेशन कहते हैं। जब हम लगातार अत्यधिक मात्रा में पानी का सेवन करते हैं, तो ओवरहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। वहीं, ओवरहाइड्रेशन के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तार से जानेंगे (1)।
ओवरहाइड्रेशन क्या है, यह जानने के बाद अब जानेंगे ओवरहाड्रेशन सिमटम्स ।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि शरीर में अत्यधिक तरल पदार्थ का होना या अत्यधिक पानी के सेवन से ओवरहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इस समस्या के होने से तमाम लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (1) (2):
इसके अलावा, ओवरहाइड्रेशन के प्रारंभिक लक्षणों में कुछ मानसिक समस्याएं जैसे अनुचित व्यवहार के साथ, भ्रम, उलझन या असमंजस की स्थिति का अनुभव भी हो सकता है। वहीं, वक्त रहते इसका उपचार न कराया जाए, तो ये लक्षण हल्के भ्रम से बेहोशी में बोलने, दौरा पड़ना, कोमा या फिर मृत्यु का कारण बन सकता है (3)।
अब जानते हैं पानी ज्यादा पीने के नुकसान क्या-क्या होते हैं।
स्वास्थ्य के लिए पानी कितना जरूरी है, इससे हम सभी अच्छे से वाकिफ हैं, लेकिन अधिक मात्रा में पानी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। नीचे हम क्रमानुसार ज्यादा पानी पीने से होने वाले नुकसान की जानकारी दे रहे हैं:
ज्यादा पानी पीने के नुकासन में सबसे पहला नाम हाइपोनेट्रेमिया का है। हाइपोनेट्रेमिया तब होता है जब रक्त में सोडियम की मात्रा असामान्य रूप से कम हो जाती है। ऐसा ओवरहाइड्रेशन यानी अत्यधिक मात्रा में पानी पीने के कारण हो सकता है।
शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने के साथ मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के सही तरीके से काम करने में सोडियम अहम भूमिका निभाता है (4)।
एक अन्य शोध की मानें तो हाइपोनेट्रेमिया के साथ वाटर इंटॉक्शिकेशन एक गंभीर समस्या है, जो ओवरहाइड्रेशन की वजह से उत्पन्न हो सकती है (2)। इस तरह ज्यादा पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया का जोखिम अधिक हो सकता है।
ज्यादा पानी पीने से सूजन की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि जब शरीर में सोडियम का स्तर कम हो जाता है, तो पानी कोशिकाओं में प्रवेश करने लगता है। इस कारण कोशिकाओं के अंदर पानी की मात्रा अत्यधिक हो जाती है, जिसकी वजह से कोशिकाओं में सूजन आ सकती है (5)।
पानी ज्यादा पीने के नुकसान में डायरिया जैसी समस्या भी देखने को मिल सकती है (6)। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि डायरिया वाटर इंटॉक्शिकेशन यानी ओवरहाइड्रेशन के प्रारंभिक लक्षणों में से एक है (2)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि ज्यादा पानी पीना डायरिया का कारण बन सकता है।
शरीर में तरल पदार्थ की अधिकता के कारण हाइपोनेट्रेमिया की समस्या हो सकती है (2)। इस दौरान पानी की मात्रा कोशिकाओं में अधिक हो जाती है, जिससे सूजन की समस्या हो सकती है। इसमें विशेष रूप से मस्तिष्क की कोशिकाएं शामिल हैं (4)। इस आधार पर पानी ज्यादा पीने के नुकसान में मस्तिष्क में सूजन भी शामिल है।
ज्यादा पानी पीने के नुकसान में हृदय संबंधी विकार भी शामिल हैं। एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि ओवरहाइड्रेशन मायोकार्डियम यानी हृदय की मांसपेशियों में खिंचाव के साथ हृदय में पर्याप्त परिसंचरण होने से रोक सकता है।
इस तरह शरीर में अत्यधिक पानी कार्डियोवैस्कुलर यानी हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को उत्पन्न कर सकता है। वहीं, कई बार यह विशेष रूप से हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकता है (7)।
किडनी का काम रक्त से अतिरिक्त पानी को फिल्टर कर पेशाब के जरिए शरीर से बाहर करना है। ऐसे में शरीर में पानी की मात्रा अधिक होना यानी ओवरहाइड्रेशन से किडनी का कार्य भार बढ़ सकता है, जिससे किडनी संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
क्रोनिक किडनी संबंधी समस्या का मुख्य कारण किडनी पर अत्यधिक भार पड़ना है, जिसका मुख्य कारण शरीर में तरल पदार्थ का अत्यधिक होना यानी ओवरहाइड्रेशन है (8)। ऐसे में मान सकते है कि जादा पानी पीने से नुकसान में किडनी संबंधी समस्या भी शामिल है।
ओवरहाइड्रेशन के कारण शरीर में पानी की मात्रा का असंतुलन हो सकता है, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को प्रभावति कर सकता है (9)। एनसीबीआई पर मौजूद एक शोध में इसकी पुष्टि भी की गई है कि ओवरहाइड्रेशन के कारण हुए असंतुलित इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर लिवर से संबंधी समस्या जैसे - लिवर सिरोसिस का कारण बन सकता है (10)।
ज्यादा पानी पीने के नुकसान में बार-बार पेशाब आने की समस्या भी शामिल है। दरअसल, शरीर में तरल पदार्थ अत्यधिक होने से बार बार पेशाब लग सकता है, जिस वजह से यूरिन में मौजूद रसायनों व सीरम में कमी देखने को मिल सकती है (11)। हालांकि, यह सामान्य है कि शरीर में पानी की मात्रा अधिक होने पर बार-बार पेशाब लग सकता है।
ज्यादा पानी पीने के फायदे और नुकसान की बात की जाए, तो इसके फायदे न के बराबर हैं। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध की मानें, तो पीने के पानी को स्वच्छ रखने के लिए क्लोरीन का उपयोग किया जाता है (12)।
ज्यादा पानी पीने से शरीर में क्लोरीन की मात्रा की अधिकता हो सकती है, जिसकी वजह से मूत्राशय व कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है (13)।
लंबे समय तक ज्यादा पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ सकती है, जिसकी वजह से मानसिक व शारीरिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। कई बार वाटर इंटॉक्सिकेशन जीवन के लिए खतरा बन सकता है। अगर इसका इलाज वक्त रहते न कराया जाए, तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है। कई मामलों में यह प्राणघातक भी हो सकता है (14)।
ज्यादा पानी पीने से नुकसान के बाद अब जान लेते हैं कि प्रतिदिन कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए।
प्रतिदिन तरल पदार्थ के सेवन की मात्रा हर किसी के लिए भिन्न हो सकती है। यह व्यक्ति की उम्र, लिंग, चिकित्सकिय स्थितियों व दैनिक गतिविधि पर निर्भर करता है। नीचे हम ऑस्ट्रेलियन डाइट्री गाइडलाइन के मुताबिक उम्र के हिसाब से रोजाना किसे कितना पानी पीने की जरूरत होती है, एक तालिका के माध्यम से इसकी जानकारी दे रहे हैं (15)।
| उम्र व शारिरीक स्थिती | पानी की मात्रा |
| 0-6 महीने के शिशु | 0.7 लीटर |
| 7-12 महीने के शिशु | कुल 0.8 लीटर |
| 1-3 साल के लड़के व लड़कियां | 1 लीटर (लगभग 4 कप) |
| 4-8 साल के लड़के व लड़कियां | 1.2 लीटर (लगभग 5 कप) |
| 9-13 वर्ष के लड़के | 1.6 लीटर (लगभग 6 कप) |
| 14-18 वर्ष के लड़के | 1.9 लीटर (लगभग 7-8 कप) |
| 9-13 वर्ष की लड़की | 1.4 लीटर (लगभग 5-6 कप) |
| 14-18 वर्ष की लड़की | 1.6 लीटर (लगभग 6 कप) |
| 19 वर्ष व उससे अधिक के पुरुष | 2.6 लीटर (लगभग 10 कप) |
| 19 वर्ष व उससे अधिक की महिलाएं | 2.1 लीटर (लगभग 8 कप) |
| 14-18 वर्ष की गर्भवती लड़कियां | 1.8 लीटर (लगभग 7 कप) |
| 19 वर्ष व उससे अधिक आयु की गर्भवती महिलाएं | 2.3 लीटर (लगभग 9 कप) |
| 14-18 वर्ष की आयु की स्तनपान कराने वाली लड़कियां | 2.3 लीटर (लगभग 9 कप) |
| स्तनपान कराने वाली महिलाएं | 2.6 लीटर (लगभग 10 कप) |
जानें ज्यादा पानी पीने के नुकसान से बचने के लिए डॉक्टरी सलाह कब लेनी चाहिए।
ओवरहाइड्रेशन की समस्या में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें (1) (3) :
लेख में आगे जानिए ट्रीटमेंट ऑफ ओवरहाइड्रेशन के बारे में।
ओवरहाइड्रेशन का इलाज व्यक्ति में दिखाई देने वाले लक्षण व शारिरीक स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में ओवरहाइड्रेशन के इलाज के लिए डॉक्टर कुछ तरीके अपना सकते हैं, जिसके बारे में नीचे क्रमवार तरीके से बता रहे हैं (16)।
हालांकि ओवरहाइड्रेशन के इलाज का मुख्य उद्देश्य इसके कारण होने वाली समस्याओं के लक्षणों को कम करना होता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (16):
अंत में जानते हैं ओवरहाइड्रेशन से बचने के उपाय क्या हैं।
ओवरहाइड्रेशन से बचने के उपाय में यहां हम कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
वैसे तो माना जाता है कि जल ही जीवन है, लेकिन इसकी अधिकता स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इस लेख को पढ़कर समझ ही गए होंगे कि ज्यादा पानी पीने से नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं। इससे बचने के लिए लेख में ओवरहाइड्रेशन से बचने के उपाय दिए गए हैं, जिन्हें फॉलो कर आप ज्यादा पानी पीने से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। बस तो अब से सही मात्रा में पानी का सेवन करने की आदत डालें।
लंबे समय तक ज्यादा पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ सकती है। कुछ मामलों में यह गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है, जिसका सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है (18)।
हां, एक शोध में बताया गया है कि गर्म पानी पीने से कुछ हद तक कैलोरी बर्न हो सकती है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिल सकती है (19)। हालांकि, इसके लिए सही मात्रा में पानी पीना आवश्यक है।
ज्यादा पानी पीने से वजन बढ़ सकता है या नहीं, इस बारे में कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन सीमित मात्रा में ही। अधिक मात्रा में पानी पीना नुकसानदेह हो सकता है (1)।
हां, ज्यादा गर्म पानी पीना स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक हो सकता है। शोध की मानें, तो ज्यादा गर्म पानी का सेवन अन्नप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है (20)।
जानकारी के अनुसार, एक दिन में महिलाओं को लगभग 2 लीटर यानी 8 कप और पुरुषों को लगभग 2.6 लीटर यानी 10 कप तक पानी पीना चाहिए (15)।
एक घंटे में 250 से 500 एमएल तक पानी पीना सही हो सकता है (15)। साथ ही ध्यान रखें कि एक बार में अधिक पानी पीना हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है (7)।
हां, एक शोध में इस बात की जानकारी मिलती है कि ठंडा पानी पीने से शरीर में मौजूद फैट यानी वसा जम जाता है। इससे पाचन क्रिया से संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है (21)।
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