मोटापा चाहे बच्चे को हो या बड़े को, एक चिंता का विषय है। मोटापा कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दस्तक दे सकता है। इसलिए इस लेख में हम मोटापे से जुड़ी विस्तृत जानकारी लाए हैं। इसमें आप जानेंगे मोटापा होने के कारण व जोखिम क्या हैं। साथ ही मोटापे से बचाव के टिप्स भी पढ़ेंगे।
लेख में सबसे पहले जानेंगे कि मोटापा क्या है।
मोटापा क्या है? | What is Obesity in Hindi
मोटापा एक जटिल व गंभीर समस्या है। मोटापा तब होता है, जब शरीर में बहुत ज्यादा फैट जमने लगता है। वजन बढ़ने पर धीरे-धीरे व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है। आप मोटापे का शिकार हो रहे हैं या फिर सिर्फ वजन अधिक है, इससे जुड़ी सटीक जानकारी हम इस लेख में देंगे (1)।
अब जानते हैं कि बच्चों में मोटापा क्यों होता है।
मोटापा क्यों होता है? | Causes of Obesity in Hindi
मोटापा एक गंभीर समस्या है, इसलिए यहां हम बताएंगे कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। मोटापे के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जिसकी चर्चा हम नीचे कर रहे हैं, आइए जानते हैं (2) (3)।
जब व्यक्ति जरूरत से अधिक भोजन करता है, तो उनके फैट सेल्स में कैलोरीज जमने लगती है। यह कैलोरीज बाद में मोटापे का कारण बनती है। इसलिए संतुलित भोजन करना आवश्यक है। टीवी पर आने वाले खाने के विज्ञापन भी लोगों को अनहेल्दी खाद्य के तरफ आकर्षित करते हैं।
अधिक कैलोरी व कम पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से भी मोटापे का खतरा बढ़ता है। चीनी, वसा व नमक यह ज्यादातर खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जिनकी मात्रा शरीर में अधिक होने से शरीर में कैलोरी ज्यादा हो जाती है और यह मोटापे का कारण बन सकता है।
लोगों के जीवन में आजकल स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है। ज्यादातर लोग खाली समय में गेमिंग, कम्प्यूटर, टीवी देखना पसंद करते हैं। इस वजह से उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जो आगे चलकर मोटापे का कारण बनता है।
कई बार मोटापे का कारण आनुवांशिक भी होता है। ऐसे में अगर परिवार में किसी को बढ़ते वजन की समस्या रही हो तो आपको भी मोटापे की समस्या हो सकती है। हार्मोन संबंधी समस्या या लो थायरॉइड, कुछ खास तरह की दवाइयां भी बढ़ते वजन का कारण हो सकती है।
- जंक फूड के सेवन में बढ़ोत्तरी
आजकल के वक्त में लोग जंक फूड, फास्ट फूड या प्रोसेस्ड फूड यानी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ जैसे - चायनीज, नूडल्स, चिप्स, पेस्ट्री या फिर सॉफ्ट ड्रिंक, स्नैक्स, मिठाई का सेवन ज्यादा चाव से करते हैं। ये खाद्य पदार्थ भले ही खाने में स्वादिष्ट हो, लेकिन ये मोटापे का कारण बन जाते हैं।
आइए, अब जानते हैं कि मोटापे के लक्षण क्या है।
मोटापे के लक्षण | Symptoms of Obesity in Hindi
मोटापे के लक्षण होने से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें इसके लक्षण मान सकते हैं। मोटापे के ये लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (4):
- श्वास संबंधी समस्या होना
- डायबिटीज
- डिप्रेशन
- लीवर की समस्याएं
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- हड्डियों में दर्द
- स्वभाव में बदलाव: जैसे छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ना
- सुस्त या आलस महसूस करना
- वजन का जरूरत से ज्यादा बढ़ना
मोटापे के जोखिम और जटिलताएं क्या-क्या हैं, यह जानने के लिए लेख का अगला भाग पढ़ें।
मोटपे के जोखिम और जटिलताएं | Obesity Complications in Hindi
मोटापे की समस्या जिन्हें होती है, उन्हें स्वस्थ वजन वालों के मुकाबले अधिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम होता है। सही वक्त पर इनपर ध्यान न दिया जाए, तो ये ज्यादा गंभीर रूप धारण कर जटिलताएं पैदा कर सकती हैं (2)। ये जोखिम और जटिलताएं कुछ इस तरह हैं (2) (3):
- हृदय रोग: मोटापा और बढ़ता वजन उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल का जोखिम पैदा कर सकता है। अगर सही वक्त पर ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल पर ध्यान न दिया जाए, तो यह आगे चलकर हृदय रोग का जोखिम कारक बन सकता है (5)।
- टाइप 2 मधुमेह: मोटापा शरीर में मौजूद ग्लूकोज के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिसकी वजह से इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
- सांस संबंधी समस्याएं: मोटापा होने से सांस संबंधी परेशनियां जैसे अस्थमा के जोखिम बढ़ सकते हैं। अस्थमा फेफड़ों से संबंधित समस्या है। इसमें घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी की परेशानी हो सकती है (6)। ऐसे में माना जा सकता है कि मोटापा अस्थमा का जोखिम पैदा कर सकता है।
- स्लीप एपनिया: मोटापा स्लीप एपनिया यानी नींद के दौरान सांस रुकने जैसी स्वास्थ्य समस्या का भी खतरा बढ़ा सकता है (7)। इससे दिन में थकान या नींद न आना, ध्यान न लगा पाने की समस्या हो सकती है।
- हड्डी व जोड़ों की समस्या: अधिक वजन होने के कारण हड्डियों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है। इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का जोखिम बढ़ सकता है, यह एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द और जकड़न का कारण बनती है।
- लीवर संबंधी समस्या: मोटापा होने से लीवर संबंधी समस्याएं जैसे फैटी लीवर, पत्थरी या फिर पेट में जलन, आदि के उत्पन्न होने का जोखिम बना रहता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: मोटापे की वजह से चिंता और अवसाद, आत्मसम्मान में कमी जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी उत्पन्न होने का डर रहता है (3)।
जोखिम व जटिलाओं को जानने के बाद जानेंगे कि मोटापे का इलाज कैसे करें।
मोटापे का इलाज | Treatment of Obesity in Hindi
मोटापे के लक्षण नजर आने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना सबसे आवश्यक है। नीचे जानें मोटापे को कम करने के इलाज क्या हो सकते हैं। देखा जाए तो ये इलाज जीवनशैली और डाइट से जुड़े बदलाव से संबंधित हैं, जिसके बारे में हम नीचे सलाह दे रहे हैं (2):
- अगर मोटापे के लक्षण नजर आए तो सबसे पहले बाल विशेषज्ञ से संपर्क करें, जो वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन लक्ष्य निर्धारित कर सकता है।
- इन लक्ष्यों में सबसे पहले डॉक्टर आहार की पूर्ति के लिए सही प्रकार के खाद्य व पेय पदार्थों के चयन की सलाह दे सकते हैं।
- उम्र के अनुसार बिना ज्यादा खाए सही मात्रा में पर्याप्त व पोषण से भरपूर आहार के चुनाव की जानकारी का सुझाव देते हुए डॉक्टर डाइट चार्ट भी बनाकर दे सकते हैं।
- कौन-से फल व सब्जियों का सेवन मोटापे को कम करने में मदद करते हैं, डॉक्टर उसकी जानकारी दे सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ जो विटामिन्स से भरपूर हों और कैलोरी में कम इसकी जानकारी माता-पिता डॉक्टर से ले सकते हैं।
- मोटापे को कम करने के लिए विशेषज्ञ हेल्दी स्नैक्स के सेवन की सलाह दे सकते हैं। कुकीज, कैंडी, केक, चिप्स व आइसक्रीम जैसे हाई शुगर व कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने के बजाय फल, ड्राई फ्रूट, सूप, सलाद जैसे सेहतमंद खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने की सलाह दे सकते हैं।
- डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव की सलाह दे सकते हैं। अधिक सक्रिय रहने के लिए खुद को प्रेरित करें और शारीरिक गतिविधि में शामिल हों।
- टीवी देखने की अवधि को कम करने की सलाह दे सकते हैं।
लेख के इस भाग में जानिए मोटापे से बचाव रखने के लिए किन चीजों का ध्यान रखें।
मोटापे से बचाव | Prevention of Obesity in Hindi
अब यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्या किया जाए कि मोटापे का जोखिम कम हो सके। ऐसे में लेख के इस भाग में हम मोटापा कम करने के लिए बचाव से जुड़ी जानकारियां देंगे (1) (2) (3) (8)।
- शारीरिक गतिविधि है जरूरी : मोटापे से बचने के लिए और वजन को संतुलित रखने के लिए शारीरिक गतिविधि जैसे योग या व्यायाम आवश्यक है। प्रतिदिन लगभग 60 मिनट की फिजिकल ऐक्टिविटी जरूरी है। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि एक बार में ही 60 मिनट तक खेले या व्यायाम करें, बल्कि इसे दिन भर कि गतिविधियों में शामिल किया जा सकता है।
- स्क्रीन टाइम को कम करें : आजकल लोग दिन में कई घंटे टीवी देखते हैं, या फिर कंप्यूटर गेम या स्मार्टफोन में लगे रहते हैं। इससे मोटापे का जोखिम बढ़ता है। ऐसे में मोटापे से बचाव के लिए स्क्रीन टाइम को कम करना चाहिए।
- पर्याप्त नींद: इस बात का ध्यान रखें कि पर्याप्त नींद ले रहे हैं या नहीं, क्योंकि अपर्याप्त नींद और सोने का तरीका भी मोटापे की वजह बन सकता है।
मोटापे के कारण, लक्षण, बचाव जैसी जरूरी बातें आप समझ ही गए होंगे। अब इन बातों पर ध्यान देककर आप खुद को या अपने करीबी लोगों को मोटापे से बचा सकते हैं।
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