प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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कई लोग सोते हुए नींद में बड़बड़ाते हैं। उनका बड़बड़ाना सुनकर लोगों को चिंता होने लगती है कि ऐसा क्यों हो रहा है। इस बारे में विशेषज्ञों से बात करने की आवश्कता होती है। उन्हीं विशेषज्ञों द्वारा नींद में बोलने की समस्या को ठीक करने के लिए सुझाए गए तरीकों की जानकारी हम लेकर आया है। इस लेख में नींद में बोलने के कारण, लक्षण, बचाव के टिप्स और इलाज के बारे में बता रहे हैं।
लेख की शुरुआत नींद में बोलना क्या है, इससे करते हैं।
स्लीप टॉकिंग कुछ और नहीं, बल्कि नींद संबंधी विकार है। इस समस्या में लोग रात में सोते समय बोलते हैं। इसको सोम्निलोक्यू (Somniloquy) के नाम से भी जाना जाता है (1)। यह विकार पैरासोम्निया (Parasomnia) नामक नींद संबंधित बीमारी के कारण भी हो सकता है (2)।
एनसीबीआई पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, नींद में बात करने की समस्या काफी आम है। बचपन में इससे जूझने वालों में यह शिकायत उम्र बढ़ने के बाद भी रह सकती है (3)। माना जाता है कि बच्चा नींद में सपने से जुड़ी बातें बोलता है या फिर उन बातों को जो उसके दिमाग में बैठी होती हैं (4)।
आइए, अब जानते हैं कि लोग नींद में क्यों बात करते हैं।
नींद में बोलने के पीछे कई कारण होते हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं (2) :
अब हम नींद में बात करने के चरण व लक्षण बता रहे हैं।
नींद में बात करने के कुछ विशेष लक्षण नहीं होते हैं। इसका सबसे बड़ा संकेत नींद में बड़बड़ाना और बोलना ही है। लोग जब गहरी नींद में होते हैं, तो उसके बोलने, करहाने जैसी अस्पष्ट की आवाजें सुनाई देती है। अब आगे हम नींद में बात करने के चरण बता रहे हैं (1):
नींद में बात करने की गंभीरता इस बात पर भी निर्भर करती है कि यह हफ्ते और महीने में कितनी बार होता है (1):
नींद में बात करने की शिकायत को समय के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है, जो कुछ इस तरह है (5):
आगे हम नींद में बात करने से जुड़ी परेशानियों के बारे में बता रहे हैं।
नींद में बात करने से किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। हां, उसके साथ या उस कमरे में सो रहे दूसरे व्यक्ति की नींद खुल सकती है। निरंतर बड़बड़ाने के कारण बगल के कमरे में सोने वाले की भी नींद टूट सकती है और फिर दोबारा सोने में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
आगे हम बच्चों के नींद में बात करने से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं।
नींद में बात करना बंद करने के लिए कुछ टिप्स को अपनाया जा सकता है, जिनमें ये शामिल हैं:
सोते समय बड़बड़ाना गंभीर समस्या नहीं है, पर यह किसी समस्या का लक्षण हो सकता है। इसलिए, बचपन में नींद में बोलने की समस्या को ध्यान में रखकर सही कदम उठाए जाएं, तो इसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, इस परेशानी को कम करने के लिए लेख में बताए गए तरीके को बच्चों पर अपना सकते हैं।
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