प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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हर तरह की शारीरिक गतिविधि का सीधा असर सीधे शरीर पर पड़ता है। अगर स्विमिंग करते समय घबराहट हो और मन में सवाल उठे कि स्विमिंग के फायदे क्या हैं, तो इस लेख को पढ़ें। यहां तैरने के फायदे और सावधानियों के साथ ही जरूरी टिप्स भी बताए गए हैं।
सबसे पहले जानते हैं स्विमिंग करना कितना सुरक्षित है।
जी हां, स्विमिंग करना सुरक्षित है। मेडलाइन प्लस की वेबसाइट द्वारा प्रकाशित जानकारी के अनुसार, तैरना सुरक्षित और प्रभावी व्यायाम है। इससे वजन नियंत्रण में भी मदद मिलती है (1)।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित रिसर्च की मानें, तो स्विमिंग करने से अच्छी शारीरिक गतिविधि होती है। इससे हृदय स्वास्थ्य, फिटनेस और श्वसन क्रिया में फायदा मिल सकता है (2)।
यही नहीं, प्रेगनेंसी में तैरने वाली महिलाओं के बच्चे में जन्मजात विकृतियों भी कम हो सकती हैं (3)। बस ध्यान दें किस्विमिंग सिर्फ सुरक्षित पूल में ही करनी चाहिए। गहरी नदियों और नहरों में तैरने से बचें।
आगे लेख में स्विमिंग करने से होने वाले फायदे बताए हैं।
तैरने से हर व्यक्ति को कई तरह के लाभ होते हैं। इन फायदों के बारे में नीचे एक-एक करके विस्तार से पढ़िए।
वजन बढ़ना काफी आम है। वजन बढ़ने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है (4)। ऐसे में वजन को संतुलित रखने के लिए स्विमिंग का सहारा ले सकते हैं। बताया जाता है कि वजन को नियंत्रण में रखने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान भी स्विमिंग करना प्रभावी होता है (1)।
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में स्विमिंग मदद कर सकता है (2)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, तैरने से हृदय की कार्य क्षमता बढ़ती है। साथ ही यह हृदय रोग के जोखिम भी कम हो सकते हैं (5)।
कई लोगों को जोड़ों में दर्द का सामना करना पड़ता है (6)। ऐसे में ज्वॉइंट प्रेशर और सूजन को कम करने के लिए स्विमिंग करने की सलाह भी दी जाती है (2)।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की वेबसाइट पर पब्लिश जानकारी के अनुसार, पानी में की जाने वाली एक्सरसाइज से प्रभावित जोड़ों में सुधार होता है (7)।
साथ ही यह ऑस्टियोअर्थराइटिस यानी गठिया के दर्द को भी कम कर सकता है। इससे जोड़ों के दर्द से भी राहत मिल सकता है (7)।
अगर किसी गर्भवती को मधुमेह है, तो उनके लिए तैरना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, शारीरिक गतिविधि जैसे कि तैराकी करने से रक्त शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इससे मधुमेह की स्थिति में सुधार हो सकता है। ऐसे में मधुमेह से राहत पाने के लिए स्विमिंग करना मददगार साबित हो सकता है (8)।
स्विमिंग करना श्वसन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है (2)। इस संबंध में प्रकाशित रिसर्च की मानें, तो स्विमिंग करने के दौरान शारीरिक और ब्रीदिंग एक्सरसाइज दोनों होती हैं। इससे पल्मोनरी फंक्शन यानी फेफड़ों की कार्य क्षमता में भी सुधार हो सकता है (9)।
अब समझिए कि तैरते समय किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए।
तैरने के लिए सही स्विमिंग सूट पहनना जरूरी है। इससे तैरते समय होने वाली असहजता से बचा जा सकता है। इसके लिए स्विम सूट खरीद सकते हैं।
प्रेगनेंसी में स्विमिंग करने के लिए अच्छे ब्रांड के सुविधाजनक स्विम सूट का ही चयन करें। बाजार में कई मैटरनिटी स्विम सूट भी मौजूद हैं, जिन्हें पहनकर स्विमिंग की जा सकती है।
चलिए, अब जानते हैं किस तरह की स्विमिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए।
लोगों को आसान स्विमिंग वर्कआउट ही करने की सलाह दी जाती है। अगर मुश्किल स्विमिंग वर्कआउट किया जाए, तो हानि होने का खतरा रहता है। प्रशिक्षक की मदद से ये स्विमिंग वर्कआउट कर सकते हैं।
डबल ब्रेस्ट-स्ट्रोक स्विमिंग - डबल ब्रेस्ट-स्ट्रोक स्विमिंग करना बहुत ही आसान है। इसमें हाथ, पैर, कंधे व गर्दन की मुख्य भूमिका होती है। इसमें स्विमिंग पूल में उतरकर पैरों को पीछे की तरफ किक करें।
फिर शरीर को आगे की ओर धकेलकर हाथ को सामने की तरफ ऊपर-नीचे करें। शरीर को आगे की ओर खींचने के लिए दोनों हाथों का बारी-बारी इस्तेमाल करें।
फ्रॉग किक स्विमिंग - यह तैरने का एक अच्छा और आसान तरीका है। इस दौरान शरीर मेंढक की तरह तैरता है। इस दौरान दोनों पैर घुटनों से मुड़े हुए होंगे और दोनों हाथों से पानी को पीछे की तरफ ढकेलते हुए शरीर को आगे की तरह बढ़ाना होगा। ऐसा धीरे-धीरे ही करें।
अब हम तैरने के सुरक्षित तरीके से संबंधित टिप्स बता रहे हैं।
सुरक्षित तरीके से तैरने के लिए कुछ टिप्स को ध्यान में रखना जरूरी होता है। इसके लिए नीचे बताए जा रहे टिप्स को ध्यान में रखें।
सही से फिट होने वाले स्विम सूट का चयन करें।
स्विमिंग पूल में जाने से पहले थोड़ी देर वॉर्मअप करें।
प्रशिक्षक द्वारा बताए जा रही बातों को ध्यान दें।
स्विमिंग के दौरान बीच-बीच में पानी या जूस पिएं।
अधिक समय तक स्विमिंग न करें।
चक्कर आ रहे हों, तो स्विमिंग पूल पर न उतरें।
समुद्र या बड़ी नदी में स्विमिंग करने से बचें।
अब तैराकी के समय ध्यान देने वाली सावधानियां जानें।
तैराकी को कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती है। ये सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं -
अगर 15 से 20 मिनट तक स्विमिंग करते हैं, तो बीच-बीच में तरल पदार्थ का सेवन करें। इससे शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाया जा सकता है।
स्विमिंग पूल में ऊपर से कूदने या डुबकी लगाने से बचें। इससे पेट पर भार पड़ सकता है।
अगर पानी में अधिक समय तक रहने पर ठंडी लगने लगे, तो पानी से बाहर निकल जाएं। इससे ठंड होने के जोखिम से बचा जा सकता है।
स्विमिंग पूल में उतरने से पहले देख लें कि उसका पानी साफ है या नहीं।
प्रेगनेंसी में स्विमिंग पूल में तैरते हुए शरीर पर ज्यादा जोर देने व झटकने से बचें।
आगे जानिए कि किस तरह के लक्षण नजर दिखने पर स्विमिंग को रोकना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान कुछ ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं, जब स्विमिंग को रोकना पड़ता है। इन स्थितियों में ये शामिल हैं।
सांस फूलने लगे, तो स्विमिंग करना बंद कर दें।
पेट में दर्द होते ही स्विमिंग करना रोक दें।
अगर स्विमिंग के दौरान योनि से रक्त बहता है, तो इसे करना तुरंत बंद कर दें।
चक्कर आने पर स्विमिंग न करें।
अगर अनियमित रूप से दिल धड़कने लगे, तो स्विमिंग करना रोक दें।
शारीरिक गतिविधि करना जितना जरूरी है, उतना ही इससे जुड़ी सावधानियां बरतना भी। अगर प्रेगनेंसी में स्विमिंग कर रही हैं, तो इससे जुड़ी सावधानियों और इसे रोकने के संकेत पर जरूर गौर करें। इससे स्विमिंग के दौरान होने वाली दुर्घटना और जोखिम से बचने में मदद मिल सकती है। बस तो सतर्क रहें और खुद को सुरक्षित रखें।
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