प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण कुछ महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी की सलाह दी जाती है। ऐसे में उनके मन में ये सवाल उठता है कि क्या एक बार सिजेरियन डिलीवरी कराने के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराई जा सकती है। इसी सवाल का जवाब देने के लिए यहां हम सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी के फायदे और जोखिमों के बारे में बताएंगे।
सबसे पहले समझिए कि सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है या नहीं।
हां, सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराई जा सकती है। गर्भवती की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी की सलाह दी जा सकती है। इस प्रक्रिया को वीबीएसी (वेजाइनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन) यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव कहा जाता है (1)।
अधिकतर गर्भाशय का फटना होना यानी यूट्रीन रेप्चर के कारण अधिकतर डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी के बाद वेजाइनल डिलीवरी की सलाह नहीं देते। अगर पहला सिजेरियन का कारण बच्चेदानी का रास्ता छोटा है या बच्चा निकलकर आने में दिक्कत थी, तो अगली डिलीवरी नॉर्मल करने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं।
इसके अलावा, अगर सी-सेक्शन के समय डॉक्टर ने बच्चेदानी में खड़ा हुआ कट लगाया गया हो, तो ऐसी स्थिति में भी अगली डिलीवरी नॉर्मल करने में रिस्क रहता है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी सुरक्षित होना और न होना, महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है। शोध के अनुसार, जिन महिलाओं ने पहले सिजेरियन डिलीवरी और फिर सामान्य प्रसव कराया, उनमें सफलता दर 60 से 80 प्रतिशत तक हो सकती है (2)।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव कराने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनकी चर्चा हम क्रमवार नीचे कर रहे हैं (1) (3)।
वीबीएसी के फायदे के बाद इसके जोखिमों को भी जानना जरूरी है।
वीबीएसी यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने से सबसे बड़ा जोखिम गर्भाशय के फटना का है। अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी महिला का गर्भाशय फट जाता है, तो उसे खून की कमी हो सकती है, जो चिंता का विषय बन सकता है।
साथ ही इससे बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, अगर वीबीएसी की ये प्रक्रिया सफल नहीं होती, तो महिला को खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है। साथ ही गर्भाशय में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है (1)।
अब जानेंगे कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव के लिए महिला खुद को कैसे तैयार कर सकती है।
सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव के लिए एक महिला खुद को निम्नलिखित तरीकों से तैयार कर सकती है।
लेख के इस भाग में जानिए कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव किन महिलाओं को कराना चाहिए।
वीबीएसी यानी सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव की सलाह निम्नलिखित परिस्थितियों में दी जा सकती है (1)।
नीचे स्क्रॉल कर समझिए कि सी-सेक्शन के बाद सामान्य प्रसव की संभावना कब कम होती है।
नॉर्मल डिलीवरी की संभावना निम्नलिखित मामलों में कम हो सकती है।
यहां हम जानेंगे कि वीबीएसी और दोबारा से सी-सेक्शन के अंतर के बारे में।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी और फिर दोबारा से सी-सेक्शन में निम्नलिखित अंतर हैं (1) (5)।
| सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी | |
|---|---|
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दोबारा से सी-सेक्शन
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आखिर में जानिए कि वीबीएसी के मामलों में डॉक्टरी सलाह कब लेनी चाहिए।
सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने पर अगर निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर एक बार सिजेरियन डिलीवरी कराई गई है, तो अगली बार भी उसी प्रक्रिया को अपनाया जाए। सी-सेक्शन के बाद सामान्य प्रसव आसानी से किया जा सकता है। महिलाओं के लिए इसे एक सुरक्षित तरीका भी माना गया है, जिसके बारे में हमने लेख में विस्तार से बताया है। बस तो इस लेख को पढ़कर मन में सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव से जुड़े संशय को दूर करें।
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