प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी होती हैं। इन समस्याओं में से एक चिकनगुनिया भी है। यहां हम चिकनगुनिया का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अभी तक वैज्ञानिक इसका सटीक इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं। बेशक, इसका इलाज नहीं है, लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है।
चलिए, सबसे पहले जानते हैं चिकनगुनिया होने का मतलब क्या है।
चिकनगुनिया एक तरह का वायरस है, जो एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के कटाने से होता है। यही मच्छर डेंगू और जीका वायरस का कारण भी बनता है। कुछ मामलों में गर्भवती महिला के चिकनगुनिया से प्रभावित होने के कारण नवजात शिशु को भी यह समस्या होती है। ऐसा मां के संक्रमित रक्त के माध्यम से शिशु हो सकता है। इस अवस्था में चिकनगुनिया के लक्षण एक हफ्ते में दिखाई देना शुरू हो सकते हैं (1)।
अब लेख में आगे जानेंगे चिकनगुनिया होना कोई गंभीर समस्या तो नहीं है।
2020 में चिकनगुनिया के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं (2)। वैसे चिकनगुनिया किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों में यह समस्या ज्यादा नजर आती है। कुछ शिशुओं को चिकनगुनिया जन्म के समय मां से भी होता है। इसलिए, गर्भधारण करने से पहले और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए।
आइए, अब जानते हैं कि चिकनगुनिया किस प्रकार होता है।
चिकनगुनिया बुखार के लिए मुख्य रूप से चिकनगुनिया वायरस जिम्मेदार होते हैं, जो एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलते हैं। एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के शरीर पर सफेद धारियां होती हैं, जिस वजह से इसे टाइगर मच्छर भी कहते हैं।
यह साफ और स्थिर पानी में पनपता है। मुख्य रूप से यह मच्छर दिन में काटता है। इसके अलावा, बच्चों में यह समस्या मां के गर्भ से भी आ सकती है। अगर प्रसव के समय कोई महिला चिकनगुनिया से प्रभावित होती है, तो इस वायरस से संक्रमित रक्त के कारण यह समस्या होने वाले बच्चे को भी हो सकती है (3)।
अब हम चिकनगुनिया के लक्षण के बारे में बात करेंगे।
जब चिकनगुनिया के लक्षण नजर आने लगे, तो बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। चिकनगुनिया के लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं (5) (4) ।
अब जानेंगे चिकनगुनिया की जांच कैसे होती है।
चिकनगुनिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करते हैं, जो इस प्रकार हैं (6) :
इस लेख के अगले भाग में हम बच्चों में चिकनगुनिया बुखार के इलाज के बारे में बताएंगे।
बच्चों को चिकनगुनिया बुखार से राहत दिलाने के लिए किसी तरह का विशेष इलाज मौजूद समय में उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयों का उपयोग कर इसके लक्षणों से राहत पाई जा सकती है (6) (7)।
अब जानें चिकनगुनिया बुखार के घरेलू उपचार।
चिकनगुनिया बुखार से राहत पाने में कुछ हद तक घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
चलिए, अब जानते हैं कि चिकनगुनिया बुखार होने से कैसे बचा जाए, यह जानते हैं।
चिकनगुनिया बुखार की समस्या से निपटने के लिए अभी तक कोई इलाज और वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस समस्या से बच्चों को बचाया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना होगा। इससे चिकनगुनिया का कारण बनने वाले मच्छर आसपास पनप नहीं पाएंगे (13)।
अब हम चिकनगुनिया की स्थिति में डॉक्टर के पास कब जाएं, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
चिकनगुनिया की स्थिति में सुरक्षा और इलाज के लिए डॉक्टर के पास किन स्थितियों में जाना चाहिए, यह नीचे पढ़ें।
आगे हम पाठकों के कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।
चिकनगुनिया बुखार कब तक रहता है और चिकनगुनिया कितने दिन में ठीक होता है?
एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, कुछ लोगों में चिकनगुनिया की समस्या एक हफ्ते (7 से 10 दिन) में ठीक हो जाती है, लेकिन इससे होने वाले जोड़ों के दर्द को जाने में एक महीना लग सकता है (1)।
क्या चिकनगुनिया के कारण बच्चे की जान जोखिम में होती है?
जी नहीं, चिकनगुनिया की वजह से जान जाने का जोखिम ना के बराबर है, लेकिन इससे बच्चों को कुछ बीमारी जरूर हो सकती है। इसलिए, इस समस्या से निपटने के लिए जल्द-से-जल्द डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए (13)।
क्या चिकनगुनिया के बाद जोड़ों के दर्द में आयुर्वेदिक वैकल्पिक उपचार प्रभावी हैं?
हां, चिकनगुनिया के बाद जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रभावकारी हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की कमी है। इसलिए, जोड़ों के दर्द के लिए कोई भी उपचार करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अगर चिकनगुनिया की समस्या हुई है, तो घबराएं नहीं। समय पर डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर द्वारा सुझायी दवाइयों का इस्तेमाल करें। यूं तो चिकनगुनिया की कोई दवा नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर दवाएं लिखते हैं। इससे चिकनगुनिया से भी राहत मिल जाती है।
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