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मलेरिया के लक्षण, कारण व इलाज | Malaria Ke Lakshan in Hindi


मलेरिया का संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। मलेरिया के केस अधिकतर बरसात के मौसम में आते हैं। आम लोगों से लेकर गर्भावती सभी लोगों को मच्छरों से सावधान रहना चाहिए। 

गर्भावस्ता में भी मलेरिया माँ और विकसित हो रहे शिशु के लिए जानलेवा साबित हो सकता है (1)। 

ऐसे में मलेरिया के विषय में जानना जरूरी है। हम मलेरिया के लक्षण, कारण और उपचार संबंधी सभी जानकारी दे रहे हैं।  


सबसे पहले मलेरिया क्या है, इस बारे में जान लेते हैं।

मलेरिया क्या है? | What is Malaria in Hindi

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो परजीवी के कारण होती है। यह बीमारी तब होती है जब प्लास्मोडियम परजीवी से संक्रमित मच्छर व्यक्ति को काटता है। इसे विश्व भर में मौत का एक मुख्य कारण माना गया है (2)

इसी वजह से मलेरिया से बचने और इसके उपचार में देरी नहीं करनी चाहिए। यह बीमारी सामान्य से लेकर गर्भवती महिला किसी को भी हो सकती है। 

गर्भवती महिलाओं में मलेरिया और उसकी जटिलताओं की चपेट में आने का विशेष खतरा है, क्योंकि गर्भावस्था में महिला की मलेरिया प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है (1) (3)। 

आइए, अब मलेरिया के लक्षण के बारे में जानते हैं।

मलेरिया के लक्षण | Symptoms of Malaria in Hindi

निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से मलेरिया के लक्षणों को समझा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (1)

  • तेज बुखार का आना
  • ठंड लगना
  • कंपकंपी
  • सिरदर्द का बने रहना
  • मतली
  • उल्टी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दौरा (कभी-कभी)

मलेरिया के कारण जानने के लिए स्क्रॉल करें।

मलेरिया होने के कारण | Causes of Malaria in Hindi

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो प्लास्मोडियम परजीवी से संक्रमित मच्छर के काटने से होती है। अगर यह संक्रमित मच्छर किसी को काट ले, तो मलेरिया हो सकता है (2)। 

गौर करने की बात है कि केवल मादा एनोफिलीज मच्छर ही मलेरिया परजीवी के वाहक का काम करते हैं (4)। इसके अलावा, निम्नलिखित स्थितियों में मलेरिया हो सकता है (5) -

  • जैसे कीटनाशक स्प्रे का इस्तेमाल न करना
  • कम उम्र में गर्भधारण
  • घर के आसपास गंदगी और गंदे पानी का जमाव
  • बरसात का मौसम
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति में मलेरिया गंभीर हो सकता है

स्क्रॉल करके पढ़ें कि  मलेरिया का निदान किस प्रकार से होता है।

मलेरिया का निदान | Diagnosis of Malaria in Hindi

मलेरिया का निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है (6) -

  1. माइक्रोस्कोपी -  इसमें ब्लड का सैंपल लिया जाता है और माइक्रोस्कोप के जरिए रक्त में मलेरिया परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।
  1. रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (RDT) - रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट में मलेरिया एंटीजेन का पता लगाया जाता है। इसमें भी मरीज के रक्त का सैंपल लिया जाता है।
  1. हीमोजोइन का पता लगाना - परजीवी द्वारा हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के पाचन के बाद हीमोजोइन उत्पन्न होता है। इस टेस्ट में हीमोजोइन का पता लगाया जाता है। इसके लिए पोलराइज्ड लाइट (एक प्रकार की प्रकाश तरंगे) और लेजर डेसोरप्शन मास स्पेक्ट्रोमेट्री का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. हिस्टोलॉजिकल टेस्ट - इसमें माइक्रोस्कोप के जरिए टिशू की जांच कर मलेरिया परजीवी का पता लगाया जाता है।
  1. पोलीमरेज चेन रिएक्शन  (PCR) - इसे पीसीआर टेस्ट भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल करके भी मलेरिया का पता लगाया जाता है।
  1. मेडिकल हिस्ट्री - इसके अलावा, डॉक्टर मरीज से मलेरिया के लक्षण और अन्य चीजों के बारे में पूछ सकता है।

अब बात करते हैं मलेरिया के उपचार की।

मलेरिया का उपचार | Treatment of Malaria in Hindi

मलेरिया का उपचार निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है (7) 

  • मलेरिया का उपचार करने के लिए कुनैन (एंटी मलेरियल) और क्लिंडामाइसिन (एंटीबायोटिक) का प्रयोग किया जा सकता है।

  • इस दौरान आर्टीमिसिनिन कॉम्बिनेशन थेरेपी (ACT) का प्रयोग किया जा सकता है। 

  • इसमें आर्टेमेडर-ल्यूमफैंट्रिन (artemether-lumefantrine), एमोडियाक्वाइन-आर्टिसुनेट (amodiaquine-artesunate), मेफ्लोक्वाइन-आर्टिसुनेट (mefloquine-artesunate) या डायहाइड्रोकार्टेमिसिन पिपेराक्वीन (dihydroartemisinin piperaquine) दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।

नोट - किसी भी दवा को अपनी मर्जी से न लें। दवाओं का उपयोग कब, कैसे और किस मात्रा में लेना है यह पूरी तरह से डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।

मलेरिया के घरेलू उपचार | Home Remedies of Malaria in Hindi

नीचे बताए गए कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए भी मलेरिया का उपचार किया जा सकता है -

  1. अदरक - मलेरिया के लक्षणों को दूर करने के लिए अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अदरक एंटी-इमेटिक प्रभाव यानी मतली और उल्टी को कम करने में मदद कर सकता है (8)
  1. लहसुन - मलेरिया के उपचार के लिए लहसुन का उपाय भी किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक तत्व में एंटी-मलेरियल प्रभाव पाया जाता है, जो मलेरिया संक्रमण के दौरान राहत पहुंचाने का काम कर सकता है (9)। 
  1. चकोतरा - चकोतरा का सेवन मलेरिया संक्रमण से बचाव का काम कर सकता है। इस बात की पुष्टि इससे जुड़े एक शोध में होती है (10)। 
  1. दालचीनी - दालचीनी का उपयोग भी मलेरिया संक्रमण से बचाव कर सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में दालचीनी के एंटी प्लास्मोडियम प्रभाव का पता चलता है यानी दालचीनी का प्रयोग मलेरिया परजीवी से लड़ने का काम करता है (11)। 
  1. ग्रीन टी - ग्रीन टी का सेवन भी मलेरिया से बचाव कर सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में ग्रीन टी के एंटी-मलेरियल प्रभाव है यानी मलेरिया संक्रमण से राहत पहुंचाता है (12)

स्क्रॉल करके पढ़ें मलेरिया से जुड़ी जटिलताएं।

मलेरिया के कारण जटिलताएं | Malaria Complications in Hindi

मलेरिया होने पर निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है (16) -

  • जिगर की विफलता और पीलिया
  • फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण
  • निम्न रक्त शर्करा
  • किडनी का खराब होना
  • स्पलीन में सूजन या टूटना
  • गर्भपात का जोखिम
  • भ्रूण की मृत्यु
  • समय से पहले प्रसव
  • जन्म के समय बच्चे का कम वजन
  • एनीमिया का जोखिम

आगे पढ़ें मलेरिया से बचने के उपाय।

मलेरिया से बचाव | Prevention of Malaria in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि मलेरिया परजीवी से संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान कुछ उपाय के जरिए मलेरिया संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है (17) -

  • मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • नियमित पेस्ट कंट्रोल करवाएं।
  • मच्छर मारने वाले रैकेट का इस्तेमाल करें।
  • दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगवाएं।
  • कोशिश करें कि ऐसे कपड़े पहनें, जिससे हाथ व पैर पूरी तरह कवर हो जाएं।
  • साफ पानी पिएं।
  • घर में और आसपास साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
  • आस पास पानी का जमाव न होने दे।
  • मलेरिया स्थानिक क्षेत्र (जैसे ट्रॉपिकल क्षेत्र) की यात्रा से बचें
  • इसके अलावा, संतुलित आहार का सेवन करें।
  • मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉक्टर से मिलने कब जाएं

 मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, इसलिए मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस दौरान थोड़ी-सी भी लापरवाही से गर्भवती के साथ-साथ होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अगर मुझे पहले मलेरिया हो चुका हो, तो क्या यह दोबारा भी हो सकता है?

हां, एक शोध के अनुसार, मलेरिया दोबारा भी हो सकता है (18)

क्या मलेरिया से गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है?

हां, मलेरिया के कारण गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है।

मलेरिया होने का सर्वाधिक खतरा कब होता है?

डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मलेरिया का सबसे ज्यादा खतरा होता है (19)

मलेरिया से बचाव और इसका उपचार करवाना कितना जरूरी है। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि मलेरिया की स्थिति में थोड़ी-सी भी लापरवाही इंसान को गंभीर जोखिम में डाल सकता है। इस दौरान लेख में बताए गए मलेरिया से बचने के तरीकों का पालन करें और मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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