प्रस्तुतकर्ता
Sunita Regmi
Pregnancy
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इसलिए, हम शाकाहारियों के लिए प्रोटीन फूड्स की जानकारी लाए हैं। यहां 17+ प्रोटीन फूड्स फॉर वेजटेरियंस हैं। इन प्रोटीन वेज फूड्स को आहार में शामिल करके पर्याप्त प्रोटीन मिलेगा। प्रोटीन वेज फूड्स की पूरी जानकारी पाने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
सबसे पहले हाई प्रोटीन वेज डाइट के फायदे जानते हैं।
हाई प्रोटीन वेज डाइट के सेवन से भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलने के अलावा अन्य स्वास्थ्य फायदे भी होते हैं। यहां हम उन्हीं फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। तो प्रोटीन वेज फूड्स के फायदे कुछ इस प्रकार हैं (1):
अब जानते हैं कि प्रोटीन फूड्स फॉर वेजिटेरियंस केटेगरी में क्या-क्या विकल्प हैं।
हाई प्रोटीन वेज डाइट के फायदों के बाद जानते हैं कि प्रोटीन फूड्स फॉर वेजिटेरियंस कौन-से हैं, जिनके सेवन से शाकाहारी लोग भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। तो प्रोटीन वेज फूड्स कुछ इस प्रकार हैं :
भारतीय खाने में दाल की अलग ही अहमियत है। इसी में शामिल है उड़द की दाल, प्रोटीन फूड्स की केटेगरी में शामिल यह दाल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है। ऐसे में प्रोटीन के लिए दोपहर में चावल के साथ या रात के खाने में रोटी के साथ उड़द की दाल का सेवन कर सकते हैं। उड़द दाल सिर्फ प्रोटीन का ही नहीं. बल्कि कैल्शियम और आयरन का भी अच्छा स्रोत है (2)।
प्रोटीन की मात्रा - प्रति 100 ग्राम उड़द की दाल में 22.6 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है (2)।
प्रोटीन वेज फूड्स में कटहल का नाम भी शामिल है। कई लोग कटहल को शाकाहारियों का चिकन कहते हैं। प्रोटीन के मामले में भी यह इस कहावत को सही साबित करता है। यह प्रोटीन वेज फूड्स की कटेगोरी में तो है ही, इसके अलावा यह हृदय के लिए भी उपयोगी होता है।
दरअसल, इसमें पोटेशियम की मात्रा कम होती है, इसलिए यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित रख सकता है। इसमें विटामिन-सी है, जो इम्यून पावर को मजबूत करने में सहायक है (3)। ऐसे में प्रोटीन वेज फूड्स की श्रेणी में डालने के साथ-साथ कटहल का उपयोग ब्लड प्रेशर के डाइट में भी किया जा सकता है।
प्रोटीन की मात्रा - प्रति 100 ग्राम कटहल में करीब 1.72 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है (4)
शाकाहारी लोगों के लिए पौष्टिक तत्वों को प्राप्त करने का एक बेहतरीन तरीका है, हरी सब्जियों का सेवन। इन्हीं हरी सब्जियों में पालक का नाम भी शामिल है। स्वास्थ्य के लिए पालक के फायदे कई सारे हैं।
प्रोटीन युक्त पालक पेट को स्वस्थ रखने के लिए, कैंसर से बचाव के लिए, हृदय और हड्डियों के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थों में से एक है।
इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन्स व मिनरल्स पाए जाते हैं, जो कि शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं (5)। ऐसे में आप अपने डाइट में पालक या पालक का जूस शामिल कर खुद को सेहतमंद रख सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम पालक में लगभग 1.67 ग्राम प्रोटीन, 33 मिलीग्राम कैल्शियम और 1.7 ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, पालक आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम का भी स्रोत है (6)।
क्विनोआ एक किस्म का साबुत अनाज है, जिसमें प्रोटीन के अलावा कई अन्य पोषक तत्व भी शामिल हैं। माना जाता है कि क्विनोआ का सेवन हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है। यह ग्लूटेन-फ्री होने के कारण सीलियक रोग के मरीजों के लिए एक स्वस्थ आहार हो सकता है (7)।
सीलियक रोग प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें ग्लूटेन युक्त आहार के सेवन से व्यक्ति को छोटी आंत से जुड़ी समस्या हो सकती है (8)। ऐसे में क्विनोआ का सेवन लाभकारी हो सकता है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम क्विनोआ में लगभग 14.12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है (9)।
प्रोटीन वेज फूड्स में टोफू को भी शामिल किया जा सकता है। टोफू को सोया मिल्क से बनाया जाता है (10)। इसे कई रेसिपी में शामिल करके इसके फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें प्रोटीन के अलावा आयरन, कैल्शियम और फाइबर मौजूद होता है (11)।
यह कोलेस्ट्रॉल फ्री खाद्य पदार्थ होता है, यह बच्चे और व्यस्क दोनों के लिए उत्तम आहार हो सकता है (12)। डाइट में टोफू का उपयोग सब्जी बनाकर, हल्का तलकर या फ्राई करके किया जा सकता है।
प्रोटीन की मात्रा - प्रति 100 ग्राम टोफू में लगभग 9.41 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है (11)।
हरी सब्जियों की तरह ही ड्राई फ्रूट्स के भी अपने फायदे हैं। ड्राई फ्रूट्स की बात की जाए तो इसमें अखरोट काफी लाभकारी होता है। अखरोट में प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं (13)।
अखरोट हृदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है। वहीं इसका सेवन कैंसर और बढ़ते वजन के जोखिम को भी कम कर सकता है (14)। ऐसे में अखरोट का सेवन न सिर्फ प्रोटीन पाने के लिए बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है।
प्रोटीन के लिए अन्य ड्राई फ्रूट्स जैसे - बादाम, मूंगफली को भी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इससे न सिर्फ शरीर को प्रोटीन मिल सकता है, बल्कि खाने में वैराइटी भी होगी।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम अखरोट में करीब 16.67 ग्राम प्रोटीन होता है (13)।
आगे और है वेज प्रोटीन फूड्स की लिस्ट
पोषक तत्वों के मामले में चिया सीड्स का सेवन करना भी लाभदायक हो सकता है। इसमें प्रोटीन के अलावा, फाइबर, कैल्शियम, ओमेगा-6 और ओमेगा-3 भी मौजूद होते हैं। पोषक तत्वों के अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-एंग्जायटी और दर्द निवारक गुण भी मौजूद हैं।
ऐसे में चिया बीज का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे - हृदय रोग, मधुमेह और पाचन संबंधी परेशानियों के लिए उपयोगी हो सकता है (15)। चिया बीज का सेवन पानी में भिगोकर या दही के साथ कर सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम चिया सीड्स में करीब 15.38 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है (16)।
टोफू की तरह ही पनीर भी एक अच्छा प्रोटीन युक्त आहार है। पनीर में प्रोटीन के अलावा कैल्शियम और फैट भी होता है (17)। शरीर को पौष्टिकता प्रदान करने के साथ-साथ खाने में वैरायटी लाने के लिए पनीर का उपयोग एक अच्छा विकल्प है। पनीर के अलग-अलग व्यंजन जैसे - बटर पनीर, पनीर भुर्जी या अन्य डिशेज खा सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा - प्रति 100 ग्राम पनीर में लगभग 21.43 ग्राम प्रोटीन हो सकता है (17)।
भारत में कुछ अच्छा काम करने से पहले दही-चीनी खाना काफी प्रचलित है। इसकी अच्छाई सिर्फ मान्यताओं तक ही सीमित नहीं है। दही कैल्शियम और प्रोबायोटिक (probiotic- हेल्दी गट बैक्टीरिया) का अच्छा स्रोत है।
दही का सेवन हड्डियों और पेट दोनों को स्वस्थ रख सकता है। इसके साथ ही दही के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार हो सकता है (18)। ऐसे में दही को खाने के साथ या दही की लस्सी बनाकर भी पी सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम दही में लगभग 5.25 ग्राम प्रोटीन की मात्रा हो सकती है (19)।
राजमा एक प्रकार की फली है, जो कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर है। एनसीबीआई में मौजूद एक रिसर्च के मुताबिक, राजमा जैसी फलियों के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज, टोटल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं से बचाव हो सकता है (20)। ऐसे में इस पौष्टिक और स्वादिष्ट राजमा का सेवन आप आसानी से कर सकते हैं और इसके स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा - प्रति 100 ग्राम राजमा में 22.53 ग्राम प्रोटीन होता है (21)।
शाकाहारियों के लिए प्रोटीन फूड्स में मशरूम का सेवन एक अच्छा विकल्प है। इसमें प्रोटीन के साथ कई अन्य पोषक तत्व जैसे - विटामिन बी2, फोलेट, विटामिन सी, ई भी मौजूद होता है। मशरूम प्राकृतिक विटामिन डी का एकमात्र शाकाहारी खाद्य पदार्थ है (22)। मशरूम के स्वास्थ्य लाभ के लिए आप इसे सैंडविच में डालकर, सब्जी या सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम मशरूम में 3.09 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है (23)।
प्रोटीन वेज फूड में फूल गोभी को आसानी डाइट में शामिल किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन सी, फोलेट, फाइबर जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इसमें फाइटोकेमिकल्स जैसे - सल्फोराफेन और कैरोटेनॉयड्स होते हैं। ये शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण प्रदर्शित कर सकते हैं (24)।
फूलगोभी का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं, जैसे - सब्जी बनाकर, आलू के साथ स्वादिष्ट भुजिया बनाकर या गोभी मंचूरियन बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। सेहत और स्वाद के लिए फूलगोभी एक अच्छा विकल्प है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम फूलगोभी में 1.18 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है (25)।
प्रोटीन फूड्स की बात की जाए तो ज्वार का आटा भी काफी लाभकारी है। प्रोटीन के अलावा, इसमें फेनोलिक कंपाउंड जैसे - फ्लेवेनॉइड मौजूद है, जो शरीर में ट्यूमर को बनने से रोक सकता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयोगी खाद्य पदार्थ हो सकता है (26)।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम ज्वार के आटे में 10 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इसमें फाइबर की मात्रा 6.7 ग्राम है (27)।
हाई प्रोटीन वेजिटेरियन फूड्स इन इंडिया में ब्रोकली का नंबर भी आता है। जिसमें प्रोटीन तो जरूरी मात्रा में होता ही है, बल्कि मिनरल्स, सेलेनियम (selenium) और ग्लूकोसिनोलेट्स (glucosinolates) कंपाउंड का स्तर भी काफी होता है। यह तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (28)।
साथ ही ब्रोकली का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या से भी बचाव किया जा सकता है (29)। फूलगोभी की ही तरह दिखने वाली ब्रोकोली का उपयोग आप फूलगोभी की तरह सब्जी बनाकर कर सकते हैं। इसे सूप, पास्ता या नूडल्स में डालकर भी खाया जा सकता है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम ब्रोकली में 2.82 ग्राम प्रोटीन होता है (30)।
प्रोटीन वेज फूड्स के केटेगरी में बीन्स का नाम भी शामिल है। इन्हीं बीन्स में से एक है फावा बीन्स, जिसे बाकला भी कहते हैं। प्रोटीन के अलावा, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर यह बीन्स स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। पोषक तत्वों के साथ-साथ इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी डायबिटिक गुण भी हैं।
फावा बीन्स के सेवन से पार्किंसन रोगियों की स्थिति में भी सुधार होने की पुष्टि हुई है (31)। पार्किंसन, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कंपन की समस्या हो सकती है (32)। ऐसे में पार्किंसन, डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए भी फावा बीन्स को आहार में शामिल किया जा सकता है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम फावा बीन्स में 26.12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है (33)।
हाई प्रोटीन वेज डाइट में पंपकिन सीड्स (कद्दू के बीज) को शामिल करना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। कद्दू के फायदे की तरह ही कद्दू के बीज के फायदे भी कई सारे हैं। प्रोटीन के साथ-साथ कद्दू के बीज में फाइबर, फॉलिक एसिड और फायटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक और ह्रदय को स्वस्थ रखने वाला गुण भी मौजूद होता है (34)। ऐसे में एक स्वस्थ आहार चार्ट में कद्दू के बीज को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम पंपकिन सीड्स में 29.84 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है (35)।
खाद्य पदार्थों में आलू का अलग ही स्थान है, क्योंकि इसे अधिकतर सब्जी या रेसिपी में आसानी से शामिल किया जा सकता है। लोग लगभग हर सब्जी में आलू का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन शायद कई लोगों को आलू के फायदे पता नहीं होंगे। आलू में प्रोटीन के अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन, फाइबर, फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं (36)।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम आलू में लगभग 2.57 ग्राम प्रोटीन होता है (36)।
भारत में कई प्रकार की दालें मिलती हैं और उन्हीं में से एक है मसूर की दाल। इसमें प्रोटीन के साथ-साथ आवश्यक अमीनो एसिड की अच्छी मात्रा भी पाई जाती है। पॉलीफेनोल युक्त मसूर दाल में एंटीवायरल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण भी हैं, जो शरीर को बीमारियों के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकते हैं (37)।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम मसूर की दाल में 7.14 ग्राम प्रोटीन होता है (38)।
शाकाहारियों के लिए प्रोटीन फूड्स में सिर्फ सब्जियां ही नहीं, बल्कि फल भी शामिल हैं। प्रोटीन वेज फूड्स में अमरूद को जोड़ सकते हैं। अमरूद में प्रोटीन के साथ एंटी डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी कैंसर, एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) और कई अन्य गुण हैं, जो शरीर को बीमारियों के जोखिम से बचा सकता है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए अमरूद का सेवन जरूर करें (39)।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम अमरूद में 2.55 ग्राम प्रोटीन होता है (40)
एवोकाडो में सिर्फ प्रोटीन ही नहीं होता, बल्कि इसमें विटामिन-ए, सी, फाइबर, कैल्शियम भी होता है (41)। पोषक तत्वों से भरपूर एवोकाडो मनुष्य के शरीर को मधुमेह, बढ़ते वजन और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचा सकता है (42)। प्रोटीन वेज फूड्स डाइट में नियमित एवोकाडो का सेवन कर कर इसके गुणों का लाभ उठाया जा सकता है।
प्रोटीन की मात्रा – प्रति 100 ग्राम एवोकाडो में 2 ग्राम प्रोटीन होता है (41)।
नोट : वेजिटेरियन्स के लिए प्रोटीन फूड्स के ये स्रोत आसानी से डाइट में शामिल किए जा सकते हैं। अगर किसी को ऊपर बताए गए किसी प्रोटीन वेज फूड से एलर्जी हो, तो उसका सेवन न करें। अगर कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो प्रोटीन वेज फूड्स के सेवन के साथ ही डॉक्टर से संपर्क भी करें।
प्रोटीन वेज फूड्स के बाद अब नीचे पढ़ें प्लांट और एनिमल प्रोटीन में फर्क से जुड़ी जानकारी।
अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि प्लांट प्रोटीन और एनिमल प्रोटीन में से बेहतर क्या है, या फिर उन्हें लगता है कि प्लांट प्रोटीन से ज्यादा एनिमल प्रोटीन बेहतर होता है। इस कंफ्यूजन को कुछ हद तक कम करने के लिए हम नीचे प्लांट प्रोटीन और एनिमल प्रोटीन में फर्क बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
अब जानते हैं कि प्रोटीन वेज फूड्स के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। वैसे ही प्रोटीन वेज फूड्स के अगर फायदे हैं तो अधिक सेवन से इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी के तौर पर हम प्रोटीन वेज फूड्स के कुछ नुकसान की जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
हमने शाकाहारियों के लिए प्रोटीन फूड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी दी है। ये 20 हाई प्रोटीन वेज फूड्स को डाइट में शामिल करके जरूरी प्रोटीन प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में बिना देर करते हुए अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए इन प्रोटीन फूड्स को आहार में शामिल करें।
प्रोटीन वेज फूड्स से जुड़े जवाब जानते हैं।
शाकाहारी लोग प्रोटीन के लिए ऊपर बताई गई दालें, फलियां, नट्स-सीड्स, मिल्क प्रोडक्ट्स, क्विनोआ आदि का सेवन कर सकते हैं। इनके अलावा, लेख में दिए गए प्रोटीन वेज फूड्स में से अपना पसंदीदा खाद्य पदार्थ चुनकर सेवन कर सकते हैं।
दूध में सबसे ज्यादा प्रोटीन मौजूद होता जाता है (49)। इसके अलावा, उड़द की दाल व मसूर की दाल में भी प्रोटीन होता है। दाल के अलावा, राजमा, पनीर, ड्राई फ़्रूट्स में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है।
डाइट में प्रोटीन वेज फूड्स का संतुलन होना काफी जरूरी है। इसके लिए सुबह भीगे हुए काले चने, काबुली चने खाएं। दिन में पनीर की भुर्जी, रोटी और उड़द की दाल लें। दिन में एक बार फ्रूट चार्ट लें, जिसमें अमरूद जरूर शामिल होना पड़ा।
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