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स्लिप डिस्क के कारण, लक्षण और इलाज - Slip Disc in Hindi

कमर दर्द की समस्या से आजकल कई लोग प्रभावित रहते हैं। कई बार इसे सामान्य दर्द समझकर अनदेखा किया जाता है। मगर यह सामान्य कमर दर्द गंभीर स्लिप डिस्क का संकेत हो सकता है। वैसे तो स्लिप डिस्क की समस्या बुजुर्गों में देखने को मिलती है, लेकिन आज के समय में ये परेशानी युवाओं में भी आम हो गई है। ऐसे में वक्त रहते स्लिप डिस्क के लक्षण जानकर स्लिप डिस्क की समस्या का इलाज करवा लेना चाहिए।

लेख की शुरुआत में सबसे पहले हम बताएंगे कि स्लिप डिस्क होता क्या है।

स्लिप डिस्क क्या है? – What is Slip Disc in Hindi

26 हड्डियों से हमारे शरीर की रीढ़ बनी होती है, जिन्हें कशेरुकाएं (Vertebrae) कहते हैं। इन वर्टिब्रा के बीच में जेली जैसे पदार्थ से भरे सॉफ्ट लचीले डिस्क पैड होते हैं। ये डिस्क हड्डियों को जोड़ने के साथ ही उनको लचीला और अपनी जगह पर बने रहने में मदद करते हैं (1 )। 

इन डिस्क पैड्स के दो भाग होते हैं। आंतरिक भाग जेल जैसा होता है, जबकि दूसरा आउटर रिंग होता है। चोट लगने या कमजोरी के कारण ये डिस्क पैड अपनी जगह से खिसक जाते हैं, इसे ही स्लिप डिस्क या हर्निएटेड डिस्क कहते हैं (2)। 

इसके अलावा, अगर स्लिप डिस्क के कारण कोई स्पाइनल नर्व दब जाती है, तो तेज दर्द और सुन्नपन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है (2)।

अब लेख में हम स्लिप डिस्क के लक्षण बताएंगे।

स्लिप डिस्क के लक्षण – Symptoms of Slip Disc in Hindi

स्लिप डिस्क में दर्द ज्यादातर शरीर के एक तरफ होता है। चोट के स्थान के आधार पर लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (3 ):

  • स्लिप डिस्क की समस्या पीठ के निचले हिस्से में होने से पैर, कूल्हे या नितंब के एक हिस्से में तेज दर्द हो सकता है। 

  • शरीर के दूसरे हिस्सों में सुन्नपन महसूस हो सकती है। जिस तरफ दर्द महसूस हो उस तरफ के पैर में कमजोरी महूसस होती है।

  • गर्दन में स्लिप डिस्क की समस्या होने पर गर्दन को हिलाने पर दर्द महसूस होता है। कंधे के ब्लेड के पास या उसके ऊपर गहरा दर्द होता है। इतना ही नहीं, दर्द बांह, कलाई और उंगलियों तक जा सकता है। व्यक्ति को अपने कंधे, कोहनी, कलाई और उंगलियों में भी सुन्नपन महसूस हो सकता है।

  • खड़े होने या बैठने के बाद दर्द या चोट वाले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। कई बार यह दर्द धीरे-धीरे शुरू हो सकता है और बाद में तीव्र हो सकता है।

  • छींकते, खांसते या हंसते समय भी प्रभावी स्थान पर दर्द हो सकता है।

  • पीछे की ओर झुकते समय या कुछ दूर चलने से भी दर्द महसूस हो सकता है।

  • सांस खिंचते या रोकते वक्त, जैसे कि मल त्याग करते समय भी दर्द महसूस हो सकता है।

  • कुछ मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। कभी-कभी, व्यक्ति इसे तबतक नोटिस नहीं करता है जबतक डॉक्टर जांच नहीं करते।

  • कुछ मामलों में व्यक्ति को अपने पैर या हाथ को उठाने, एक तरफ अपने पैर की उंगलियों पर खड़े होने, अपने एक हाथ से कसकर निचोड़ने, या अन्य समस्याओं में कठिनाई हो सकती है।

स्लिप डिस्क के लक्षण के बाद अब स्लिप डिस्क के कारण और जोखिम कारक जानेंगे।

स्लिप डिस्क के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Slip Disc in Hindi

स्लिप डिस्क के कई कारण हो सकते हैं, इनमें से कुछ के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2) (3)।

  • स्पाइनल डिस्क से जेल का रिसाव होना
  • बढ़ती उम्र के कारण स्पाइनल डिस्क का लोच कम होना
  • किसी भारी चीज को उठाना
  • किसी प्रकार का एक्सीडेंट या चोट लगना
  • शरीर का वजन ज्यादा होना
  • पीठ के निचले हिस्से का बार-बार झुकना
  • लंबे वक्त तक एक ही पोजिशन में बैठे रहना
  • बिगड़ी हुई जीवनशैली
  • धूम्रपान करना

आइए, अब लेख में स्लिप डिस्क के निदान की चर्चा करते हैं।

स्लिप डिस्क का निदान - Diagnosis of Slip Disc in Hindi

स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पाने के लिए पहले इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है। ऐसे में यहां हम स्लिप डिस्क के निदान बता रहे हैं। नीचे लेख में बताए गए तरीकों से डॉक्टर स्लिप डिस्क का निदान कर सकते हैं (3) -

1. पूछताछ करके लक्षण जानना - सबसे पहले डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। स्लिप डिस्क के लक्षण सुन्नता या अहसास के बारे में पूछ सकते हैं। साथ ही उसकी जीवनशैली व आदतों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

शारीरिक परीक्षण: एक बार लक्षणों व जीवनशैली के बारे में जानकारी लेने के बाद डॉक्टर मरीज की कुछ शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं :

  • मांसपेशियों की मजबूती उनकी प्रतिक्रियाओं का परीक्षण कर सकते हैं।
  • बैठने, खड़े होने और चलने के लिए कह सकते हैं।
  • आगे-पीछे दांए और बाएं झुकने के लिए कह सकते हैं।
  • गर्दन को आगे, पीछे, दाएं-बाएं झुकाने की सलाह दे सकते हैं।
  • रोगी के कंधे, कोहनी, कलाई और हाथ को उठाने के लिए कह सकते हैं।
  • बैठाकर पैर को ऊपर उठाने के लिए कह सकते हैं। यदि इस स्थिति में पैरों में दर्द महसूस होता है तो ये कमर के निचले हिस्से में स्लिप डिस्क होने का संकेत हो सकता है।
  • सिर को आगे झुकाने को कह सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर सिर पर हल्का आगे की तरफ दबाएंगे। इस दौरान दर्द का बढ़ना या सुन्नता महसूस करना गर्दन में स्लिप डिस्क होने की संभावना हो सकती है।

2. सीटी स्कैन और एमआरआई के आधार पर : शारीरिक परीक्षण के आधार पर प्रभावित जगह का एमआरआई या सीटी स्कैन करने की सलाह दे सकते हैं। इस टेस्ट से स्लिप डिस्क के स्थान पर शरीर की तंत्रिका किस प्रकार प्रभावित हो रही है, इसकी पुष्टि हो सकती है। हालांकि, यह ऊपर लेख में नजर आने वाले लक्षणों के बारे में जानने के बाद करने की सलाह दी जा सकती है।

3. एक्स- रे : स्लिप डिस्क का निदान केवल एक्स-रे द्वारा नहीं कर सकते हैं, लेकिन रीढ़ की हड्डी की गुणवत्ता जांचने और पीठ दर्द की समस्या और किन कारणों से हो रही है। इसकी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर एक्स-रे की सलाह दे सकते हैं।

4. इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट (Electromyography) : स्लिप डिस्क के निदान में डॉक्टर इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट मांसपेशियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए की जाती है। इस टेस्ट में रोगी के प्रभावित मांसपेशियों में सेंसर इलेक्ट्रोड (एक सुई), जो कि एक मॉनिटर से जुड़ा होता है, उस सुई को डालकर तंत्रिकाओं में इसके संचार को मापा जाता है। टेस्ट करने के दौरान बिजली के हल्के झटके भी लगाए जाते हैं (4)।

5. नर्व कंडक्शन स्टडी (Nerve Conduction Velocity) : स्लिप डिस्क की गंभीरता को जानने के लिए यह टेस्ट किया जा सकता है। यह टेस्ट इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट के साथ भी कर सकते हैं। इसमें इलेक्ट्रोड नामक चिपकने वाले पैच का उपयोग किया जाता है। इन्हें प्रभावित हिस्से पर लगाकर नर्व में होने वाले बदलाव को ग्राफ के द्वारा देखा जाता है (5)।

स्लिप डिस्क के तेज दर्द में स्लिप डिस्क ट्रीटमेंट जरूरी हो सकता है, ऐसे में नीचे जानिए स्लिप डिस्क का इलाज।

स्लिप डिस्क का इलाज – Treatment of Slip Disc in Hindi

निदान के बाद अब बारी आती है स्लिप डिस्क के इलाज के बारे में जानने की। एक बार जब डॉक्टर स्लिप डिस्क का निदान कर लेते हैं, तो गंभीरता के आधार पर इलाज का सुझाव देते हैं। स्लिप डिस्क के इलाज कुछ इस प्रकार हैं (2) (3) (6):

1. फिजियोथेरेपी  व आराम - अगर स्लिप डिस्क की समस्या गंभीर न हो तो इसके प्राथमिक उपचार के तौर पर डॉक्टर आराम करने की और कुछ मामलों में एक्सपर्ट की देखरेख में फिजियोथेरेपी  थेरेपी जैसे - कुछ खास प्रकार के व्यायाम आदि करने की सलाह दे सकते हैं। 

इन उपचारों का सही तरीके से पालन करने वाले अधिकांश लोग जल्दी ही ठीक हो सकते हैं और अपने सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं।

2. दवाइयां - थेरेपी व आराम के साथ डॉक्टर कुछ दवाइयां जैसे - दर्दनिवारक दवा, नसों को आराम पहुंचाने वाली दवाइयां व मांसपेशियों को आराम देने और ऐंठन को कम करने वाली दवाइयां लेने का सुझाव दे सकते हैं।

3. जीवनशैली में बदलाव - अगर किसी का वजन अधिक है और इस वजह से स्लिप डिस्क की समस्या हुई है तो डॉक्टर स्लिप डिस्क या इसमें होने वाले पीठ दर्द में सुधार के लिए डाइट और व्यायाम से जुड़े सुझाव दे सकते हैं। 

इस दौरान फिजियोथेरेपिस्ट मरीज को ठीक से उठना, बैठना, कपड़े पहनना, चलना और अन्य गतिविधियों को सही तरीके से करना सिखा सकते हैं। वे मांसपेशियों को मजबूत करना सिखाएंगे, ताकि रीढ़ को सहारा देने में मदद मिल सके। इतना ही नहीं, मरीज यह भी सीखेंगे कि रीढ़ और पैरों में लचीलापन कैसे बढ़ाया जाए।

4. इंजेक्शन - कुछ मामलों में जब दवा से ज्यादा असर न हो तो डॉक्टर स्टेरॉयड इंजेक्शन के जरिये भी उपचार कर सकते हैं। इंजेक्शन कई महीनों तक दर्द को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। ये इंजेक्शन स्पाइनल नर्व और डिस्क के आसपास की सूजन को कम कर सकते हैं और कई लक्षणों से राहत दिला सकते हैं। हालांकि, इंजेक्शन के कुछ महीने बाद हो सकता है कि दर्द फिर से वापस आए।

5. मसाज - डॉक्टरी सलाह पर एक्सपर्ट द्वारा हल्की-फुल्की मालिश की जा सकती है। ऐसा करने से मांसपेशियों को आराम मिल सकता है। ध्यान रहे मसाज जोर से न करें और अगर थोड़ी सी भी असुविधा महसूस हो तो तुरंत मालिश बंद कर दें।

6. ठंडा या गर्म सेंक - गर्म पानी का सेंक या गुनगुने पानी से नहाना भी स्लिप डिस्क की हल्की-फुल्की परेशानी में उपयोगी हो सकता है। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। ठंडे पानी या बर्फ की सेंक से भी राहत मिल सकती है। ठंडा सेंक प्रभावित नस को आराम दे सकता है।

7. सर्जरी - यदि इन उपचारों के बाद भी स्लिप डिस्क के लक्षण कम नहीं होते हैं, तो सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है। खासतौर से अगर स्लिप डिस्क की समस्या 6 हफ्तों से ज्यादा से है, तो प्रभावित नस पर दबाव को कम करने के लिए सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। सर्जरी उस स्थिति में भी एक विकल्प हो सकता है, जब मूत्राशय या आंत ठीक से काम करना बंद कर देते हैं और मांसपेशियां भी काफी कमजोर हो चुकी होती हैं।

अब नीचे लेख में जानते हैं कि स्लिप डिस्क की समस्या में कौन सा योग और एक्सरसाइज कर सकते हैं।

स्लिप डिस्क के लिए योग और एक्सरसाइज – Yoga and Exercise for slip Disc in Hindi

स्लिप डिस्क के दर्द से राहत पाने के लिए योग और एक्सरसाइज भी लाभकारी हो सकते हैं। दरअसल, स्लिप डिस्क के दौरान प्रभावित हिस्से में खासकर कमर या पीठ में दर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कमर दर्द या पीठ दर्द के लिए किए जाने वाले कुछ योगासन व एक्सरसाइज में मकरासन, शवासन, भुजंगासन और शलभासन शामिल हैं (7)। 

स्लिप डिस्क के लिए योग और एक्सरसाइज के बारे में अधिक जानने के लिए पाठक डॉक्टर की सलाह लें और किसी एक्स्पर्ट की देखरेख में ही योग या एक्सरसाइज करें।

अब स्लिप डिस्क से बचने के उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर इसके जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

स्लिप डिस्क से बचने के उपाय – Prevention Tips for Slip Disc in Hindi

स्लिप डिस्क से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में लेख में नीचे हम स्लिप डिस्क से बचने के उपाय साझा कर रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • शरीर का वजन न बढ़ने दें। इससे पीठ के निचले हिस्से पर दबाव कम पड़ेगा।
  • पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए व्यायाम करें। 
  • बैठने की स्थिति का ध्यान रखें।
  • वजन उठाने के लिए सही तकनीक का उपयोग करें।
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से दूरी बनाएं।
  • सही डाइट लें।
  • ज्यादा फैट या कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

अगर कमर में लगातार दर्द हो रहा हो या ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हों, तो इस पर वक्त रहते ध्यान दें, क्योंकि ये स्लिप डिस्क के लक्षण हो सकते हैं। इस समस्या के लिए डॉक्टर से इलाज करवाएं। इसके अलावा, स्लिप डिस्क के लिए योग या व्यायाम करने से पहले भी डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या होता है जब किसी व्यक्ति को स्लिप डिस्क हो जाती है?

स्लिप डिस्क की समस्या होने पर व्यक्ति को कमर, गर्दन और अन्य प्रभावी जगहों पर दर्द की समस्या हो सकती है (2)।

स्लिप डिस्क को कैसे ठीक कर सकते हैं?

स्लिप डिस्क को ठीक करने के लिए आप डॉक्टरी सलाह पर दवाईयों और उचित उपचार की प्रक्रिया अपना सकते हैं।

क्या स्लिप डिस्क अपने आप ठीक हो जाएगी?

नहीं, स्लिप डिस्क अपने आप ठीक नहीं हो सकती है। इसके लिए उचित उपचार की जरूरत होती है।

स्लिप डिस्क के लिए सबसे अच्छा योग या व्यायाम कौन सा है?

स्लिप डिस्क में शलभासन, मकरासन, शवासन, भुजंगासन जैसे योग उपयोगी हो सकते हैं (7)। हालांकि, बेहतर है स्लिप डिस्क एक्सरसाइज या योग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

स्लिप डिस्क को ठीक होने में कितना समय लगता है?

स्लिप डिस्क को ठीक होने में कम से कम 6 हफ्तों का वक्त लग सकता है (2)। अगर समस्या गंभीर है तो इसे ठीक होने में 6 हफ्तों से ज्यादा वक्त भी लग सकता है।

स्लिप डिस्क में क्या खाना चाहिए?

खासतौर से स्लिप डिस्क के लिए कोई विशेष खाद्य पदार्थ नहीं है। हालांकि, रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फाइबर युक्त फल, सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं (8)। 

क्या स्लिप डिस्क में साइकिल चलानी चाहिए?

नहीं, स्लिप डिस्क की समस्या में साइकिल नहीं चलानी चाहिए। दरअसल इस समस्या में झुकने और शरीर में दबाव देने पर तेज दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है (3)। अगर कोई स्लिप डिस्क होने के बावजूद साइकिल चलाना चाहता है तो बेहतर है इस बारे में पहले डॉक्टरी परामर्श लें।

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